SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2534

पानी के लिए 5 हजार करोड़ खर्च, पानी फिर भी पाताल में : राजेश माली

भोपाल. पांच साल। 5000 करोड़ रुपए खर्च। और, परिणाम, सूखती जमीन। यही हाल है प्रदेश का, जहां बारिश के पानी को सहेजने के लिए सरकारी पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है, लेकिन जमीन गीली होने की बजाय और सूखती जा रही है। राज्य के 313 में से 28% ब्लॉक भूजल मामले में ‘सुरक्षित’ नहीं रहे हैं। 5 साल में 42 और ब्लॉक में खतरे की घंटी बज गई है।...

More »

कोयला मंत्रालय ला रहा नई पुनर्वास नीति

कानपुर। ग्रेटर नोएडा के भट्टा परसौल में भूमि अधिग्रहण के मसले पर किसानों के आंदोलन को देखकर अब कोयला मंत्रालय एलर्ट हो गया है। उसे भी कोयला खदानों एवं अन्य कामों के लिए किसानों एवं अन्य को विस्थापित करना पड़ता है। कोयला मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह विभाग की पुनर्वास और पुनस्र्थापन [रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटलमेंट पालिसी] की नई नीति तीन माह के अंदर तैयार करें ताकि...

More »

माया सरकार को झटका, भूमि अधिग्रहण रद्द

इलाहाबाद: उत्तरप्रदेश में मायावती सरकार को करारा झटका देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज गौतम बुद्ध नगर जिले में सौ एकड से ज्यादा अधिग्रहित भूमि की अधिसूचना को खारिज कर दिया. ग्रेटर नोएडा में योजनाबद्ध औद्योगिक विकास के लिये भूमि का अधिग्रहण किया गया था. न्यायमूर्ति सुनील अंबावानी और न्यायमूर्ति काशीनाथ पांडेय की खंडपीठ ने जिले के शाहबारी गांव के निवासियों की कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए कहा...

More »

किसान-पुलिस संघर्ष की न्यायिक जांच हो

ग्रेटर नोएडा। कांग्रेस ने बुधवार को मांग की कि दिल्ली के समीप स्थित एक गांव में एक्सप्रेसवे विकास परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण करने के कारण किसानों एवं पुलिस के बीच हुए हिंसक संघर्ष की न्यायिक जांच करवाई जाए। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भट्टा पारसौल गांव में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हमारी मांग स्पष्ट हैं। हम चाहते हैं कि इस घटना की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाई...

More »

असंगति का संगीत- रोहिणी मोहन

कुछ मामलों में एक जैसे और ज्यादातर मामलों में एक-दूसरे से जुदा शांति और प्रशांत भूषण के छुए-अनछुए पहलुओं की पड़ताल करती रोहिणी मोहन की रिपोर्ट मई, 1995 की एक दोपहर को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु ठक्कर अपने वकीलों प्रशांत और शांति भूषण के साथ सर्वोच्च न्यायालय में बैठे हुए थे. उनसे जरा-सी दूरी पर मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद एक ऐसा फैसला सुना रहे थे जो पूर्वी गुजरात के कम से कम...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close