अमीरों और गरीबों के बच्चे पहले भी साथ-साथ पढ़ते थे। इसका सबसे मशहूर उदाहरण कृष्ण और सुदामा की जोड़ी है। कृष्ण राजकुल के थे और सुदामा एक गरीब ब्राह्मण की संतान। दोनों के प्रति गुरु तथा गुरुकुल के अन्य संवासियों के व्यवहार में कुछ अलग अलगपन था या नहीं, इसके विवरण आज उपलब्ध नहीं हैं। पर यह जरूर प्रसिद्ध है कि कृष्ण और सुदामा के बीच गजब की दोस्ती थी। किसी अन्य अमीर...
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जल के निजीकरण के खतरे-निरंकार सिंह
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने यह कहकर चौंका दिया है कि सरकार पानी के निजीकरण पर विचार कर रही है। राष्ट्रीय जल नीति इस माह के अंत तक घोषित कर दी जाएगी। बंसल के मुताबिक जल संसाधन मंत्रालय ने जल नीति का मसौदा कई माह पहले तैयार कर लिया था। इस बारे में लगातार विशेषज्ञों और संबंधित लोगों से चर्चा हो रही है। नीति का जो मसौदा...
More »पत्थर पर दूध और धान- सहकारिता और नई तकनीक का कमाल
पश्चिमी घाट कहलाने वाली सह्याद्रि पर्वतऋखंला के इलाके में एक गांव है खंबोली। और इस गांव के एक किसान विश्वनाथ की धनखेतियां सुनहली धूप में सोने की तरह चमचमा रही हैं। धनखेतियों के चारो तरफ अमराई है, अमराइयों से ठंढी बयार बहती है, धनखेतियों को आकर दुलार देती है। यों तो भारत के ज्यादातर किसानों की खेती सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर है लेकिन इसके उलट विश्वनाथ ने धान...
More »'बच्चे पैदा करने में नंबर वन बन गया है राजस्थान'
जोधपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बच्चे पैदा करने में राजस्थान नंबर वन बन गया है। देश की करीब साढ़े पांच प्रतिशत आबादी राजस्थान में बसती है। इसलिए प्रदेशवासी दो बच्चों के बाद फुल स्टॉप लगाएं, ताकि बच्चों की परवरिश अच्छे से हो सके। उन्होंने चेताया कि अगर ऐसा नहीं होगा तो भविष्य में तकलीफ ही तकलीफ होगी। वे रविवार को मंडोर रोड स्थित विशेष पिछड़ा वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग के...
More »विकास की बंद गली- भारत डोगरा
जनसत्ता 2 फरवरी, 2012 : हाल के वैश्विक संकट ने विश्व-स्तर पर लोगों को नए सिरे से आर्थिक नीतियों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है। अब आम लोग और विशेषज्ञ दोनों निजीकरण, बाजारीकरण और भूमंडलीकरण पर आधारित मॉडल की प्रासंगिकता पर सवाल उठा रहे हैं। आम लोगों की बेचैनी की अभिव्यक्ति सबसे प्रबल रूप में आक्युपाइ द वॉल स्ट्रीट आंदोलन के रूप में हुई है। दूसरी ओर, इस बार...
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