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जलवायु हॉटस्पॉट: गर्म होती जलवायु पहले से ही सूखे बुंदेलखंड को और झुलसा रही है

इंडियास्पेंड, 13 सितम्बर  "इस असहनीय गर्मी में भी हमें पानी के ल‍िए रोज 10-15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।" मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की एक आदिवासी सुमिंत्रा देवी अपना दर्द साझा करते हुए कहती हैं। बुजुर्ग सुमिंत्रा देवी (65) बुन्देलखण्ड के लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत के सूखाग्रस्त गांव नई बस्ती में रहती हैं। वे एक बार में प्लास्टिक के चार ड‍िब्‍बे में लगभग 80 लीटर पानी लाती है। उनके घर में कुल...

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जहरीली हवा के बीच काम करने को मजबूर होम डिलीवरी के बाइक चालक: स्टडी

मोंगाबे हिंदी, 11 सितम्बर अट्ठाइस साल के रोहित विश्वास की कोविड-19 महामारी के दौरान मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव की नौकरी चली गई। इसके बाद उन्होंने 2021 में एक किराना डिलीवरी ऐप के लिए डिलीवरी करने का काम शुरू किया। वह हर दिन आठ से दस घंटे सड़क पर बिताते थे। हालांकि अब वह बाइक टैक्सी ऐप के लिए काम करते हैं, लेकिन उनका काम अभी भी मुश्किल है। वे हर दिन ट्रैफिक जाम...

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इवेट बीमा कंपनियों की मनमानी, किसानों को मुआवजा देने से किया इनकार!

गाँव सवेरा, 11 सितम्बर हरियाणा में बीमा कंपनियों पर किसानों का एक हजार करोड़ से ज्यादा का फसल बीमा क्लेम बकाया है. फसल के मुआवजे को लेकर हरियाणा के अलग अलग जिलों में किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अब तक भी किसानों को फसल का मुआवजा नहीं दिया गया है. फतेहाबाद में फसल मुआवजे की मांग को लेकर स्थानीय विधायक के घर का घेराव करते नजर आ थे किसानों...

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जम्मू-कश्मीर के जलाशयों में माइक्रोप्लास्टिक, इंसान और पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा

मोंगाबे हिंदी, 08 सितम्बर  जम्मू और कश्मीर में किया गया एक नया अध्ययन प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता की तरफ इशारा करता है। अध्ययन में स्थानीय तौर पर व्येथ के नाम से जानी जाने वाली झेलम नदी में प्लास्टिक के बेहद सूक्ष्म कणों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। अध्ययन बताता है कि झेलम नदी के किनारे नगरपालिका के ठोस कचरे (एमएसडब्ल्यू) के निपटान की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना माइक्रोप्लास्टिक का एक...

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झारखंड: 500 दिनों बाद कहां पहुंचा कुपोषण के खिलाफ महाअभियान?

इंडियास्पेंड, 05 सितम्बर सिमडेगा में कार्यरत दिहाड़ी मजदूर मुकेश सोरंग के पुत्र रितेश सोरंग (उस समय उम्र तीन महीना) का वजन डॉक्टरों ने मार्च 2023 में सामान्य से 40 प्रतिशत कम पाया था और इसी सिलसिले में रितेश को सदर अस्पताल के कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कराया गया। रितेश के शरीर के हर हिस्से से हड्डियों का ढांचा नजर आता था। लेकिन जब 16 अप्रैल 2023 को उसे कुपोषण उपचार केंद्र...

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