सरकार का लक्ष्य साल 2022 तक 50 करोड़ लोगों को रोजगारपरक शिक्षा देने का है। क्या यह लक्ष्य देश के ग्रामीण अंचल में मौजूद जीविका के संकट के समाधान से प्रेरित है? और, क्या यह लक्ष्य देश की श्रमशक्ति की वास्तविक जरुरतों से मेल खाता है? रोजगारपरक शिक्षा की जरुरतों के तहत नए शिक्षा आयोग के गठन कीकवायद और इसी तर्क के सहारे एक मशहूर केंद्रीय विद्यालय विश्वविद्यालय द्वारा पाठ्यक्रम में...
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श्रम में खोता बचपन
बाल श्रम हमारे समय की एक दुखद सच्चई है. तरक्की के तमाम दावों के बावजूद आज हम उद्योग-धंधों से लेकर घर के भीतर तक पूरी दुनिया में किसी न किसी रूप में बाल श्रमिकों को देख सकते हैं. इसकी रोकथाम के लिए बेशक कई कानूनी प्रावधान किये गये हों, लेकिन पिछड़े क्या विकसित कहे जाने वाले समाजों तक में लाखों बच्चों का बचपन पेट की भूख मिटाने में दफन हो जाता है. वर्ल्ड...
More »हुनरमंद कामगारों को मिलेंगे डिप्लोमा-डिग्री सर्टिफिकेट
नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। सरकार ने अगले नौ सालों में देश के 50 करोड़ युवाओं को कुशल कामगार बनाने का फैसला तो कर लिया,लेकिन तीन साल बाद भी कुछ ठोस नतीजे सामने नहीं हैं। अलबत्ता भविष्य की जरूरतों व चुनौतियों के मद्देनजर स्किल्ड डेवलपमेंट के जरूरी उपायों की कोशिशें जरूर जारी हैं। उसी सिलसिले में योजना एक वर्कर्स टेक्निकल यूनीवर्सिटी खोलने की है। मकसद, युवाओं को कौशल विकास में डिप्लोमा,...
More »अरूणा राय ने सोनिया गांधी के एनएसी में नहीं रहने का किया फैसला
नयी दिल्ली । सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा राय ने सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में एक और कार्यकाल नहीं लेने का फैसला किया है। उनका कार्यकाल शुक्रवार को समाप्त हो रहा है । अरूणा ने एनएसी अध्यक्ष सोनिया को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि उन्हें एनएसी में एक और कार्यकाल देने पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। सोनिया ने उनके आग्रह को मान लिया है । अरूणा राय ने...
More »भूमि अधिग्रहण और आदिवासी
जनसत्ता 1 मई, 2013: आजकल भूमि अधिग्रहण विधेयक की चर्चा जोरों से चल रही है। वन अधिनियम पहले ही पास कराया जा चुका है। ये दोनों ही कदम आदिवासियों के जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। जयराम रमेश का मंत्रालय बार-बार बदला जाना एक विडंबना ही है। जब-जब उन्होंने अपने मंत्रालय से कोई जन-भावन कदम उठा कर हस्तक्षेप करना चाहा, उनका मंत्रालय ही बदल दिया गया! चाहे वह वन या...
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