SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 433

चेन्नई बाढ़ : एक मानव निर्मित त्रासदी

चेन्नई की बाढ़ जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों का एक भयावह उदाहरण तो है ही, इससे हुई तबाही ने मानव समाज की खतरनाक गलतियों के नतीजों को भी रेखांकित किया है.  हाल के वर्षों में उत्तराखंड, कश्मीर समेत देश के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की त्रासदी का कहर लगातार बढ़ा है. तेज शहरीकरण और विकास की आपाधापी में सरकार और समाज प्राकृतिक तंत्रों को बेतहाशा बरबाद कर रहे हैं. नदियां...

More »

हिमालयी विकास का मॉडल- सुरेश भाई

हिमालय बचाओ! देश बचाओ! सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि यह हिमालय क्षेत्र में भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का भी रास्ता है। चिपको आंदोलन के दौरान पहाड़ की महिलाओं ने नारा दिया कि मिट्टी, पानी और बयार! जिंदा रहने के आधार! और ऊंचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे! ये तमाम नारे पहाड़ के लोगों ने दिए हैं। हिमालयी क्षेत्रों के लोगों, सामाजिक अभियानों तथा आक्रामक...

More »

जलवायु संकट के सबक-- अरुण तिवारी

पिछले ग्यारह हजार तीन सौ सालों की तुलना में आज पृथ्वी सबसे गर्म है। उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक सागर में इस बार 1970 के बाद सबसे कम बर्फ जमी है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ भंडार, तिब्बत में ही है। इसी नाते तिब्बत को ‘दुनिया की छत' कहा जाता है। इस नाते आप तिब्बत को दुनिया का तीसरा ध्रुव भी कह सकते हैं। यह...

More »

औद्योगिक इकाइयों और टेनरियों को एनजीटी की चेतावनी

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार को गंगा को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक इकाइयों व टेनरियों को उचित स्थानों पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। न्यायाधिकरण ने दोनों राज्यों की सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसा नहीं होने पर वह इन्हें बंद करने का आदेश जारी करेगा। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपी सरकार से पूछा कि कानपुर की टेनरियों और अन्य...

More »

मैली होकर बेकार हो जायेंगी नदियां

नदियां हमारी संस्कृति की खेवनहार हैं. ये महज जल का स्रोत नहीं, बल्कि हमारे सुख-दुख की साथी हैं. लेकिन विकास की अंधी दौड़ में हम इन्हें इतना गंदा कर चुके हैं कि अधिकांश नदियां अब किसी काम की नहीं रह गयी हैं. पितृपक्ष पर पितरों को तर्पण के लिए यमुना के केशीघाट पर पहुंचे आइआइटी मद्रास के सेवानिवृत्त प्रोफेसर श्रीश चौधरी का कैसा रहा अनुभव, आइए जानें श्रीश...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close