भीषण सूखे से बेहाल बुंदेलखंड का एक जिला है छतरपुर। यहां सरकारी रिकॉर्ड में 10 लाख 32 हजार चौपाए दर्ज हैं, जिनमें से सात लाख से ज्यादा तो गाय-भैंस ही हैं। तीन लाख के लगभग बकरियां हैं। चूंकि बारिश न होने के कारण कहीं घास बची नहीं है, सो अनुमान है कि इन मवेशियों के लिए हर महीने 67 लाख टन भूसे की जरूरत है। इनके लिए पीने के पानी...
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पानी के पावर पंप पड़ रहे भारी, सालाना साढ़े छह करा़ेड बिजली का खर्च
रायपुर(निप्र)। नगर निगम क्षेत्र के जिन इलाकों में पाइपलाइन नहीं बिछी या स्लम बस्तियां जहां निजी नल कनेक्शन नहीं थे, वहां पावर पंप लगाए थे। अब ये पंप न केवल नगर निगम, बल्कि भूजल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। निगम ने स्लम बस्तियों में भागीरथी नल-जल योजना के तहत लगभग 25 हजार कनेक्शन दे दिए हैं, लेकिन उसके बाद भी पावर पंप चालू हैं। पावर पंपों के कारण जहां...
More »अभी से बचाइए बूंद-बूंद पानी...
रायपुर। छत्तीसगढ़ के लोगों को अभी से ही बूंद-बूंद पानी बचाने की जरूरत है। वजह यह है कि राज्य के अधिकतर बड़े बांध और जलाशय आधे से ज्यादा खाली हो चुके हैं। आने वाले महीने फरवरी से लेकर जून के पहले पखवाड़े तक सतह का जल स्तर बढ़ने की कोई संभावना नहीं है। प्रदेश में औसतन 1150 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल औसत से 15 फीसदी कम बारिश हुुई...
More »मालवा में आलू की आधी फसल चट कर जाएगा बिगड़ा मौसम
इंदौर। मालवा में आलू की लगभग आधी फसल को बिगड़ैल मौसम चट कर जाएगा। इस साल सर्दी के मौसम में भी अधिक तापमान के कारण आलू की फसल नहीं जमी। कई जगह अधिक गर्मी के कारण अंकुरण नहीं हो पाया। ऊपर से जलस्रोतों ने समय से पहले दम तोड़ दिया। इंदौर संभाग में गत वर्ष की तुलना में किसानों ने आलू का रकबा तो बढ़ाया, लेकिन मौसम दगा दे गया।...
More »खतरा : उत्तरी ध्रुव पर पिघल रही है बर्फ
शून्य से 1.9 डिग्री नीचे तापमान। आम जन-जीवन या हमारे आसपास के किसी भी इलाके के लिए इस तापमान को बेहद ठंडा कहा जाएगा। सब कुछ जमता हुआ-सा लगेगा। लेकिन बात उत्तरी ध्रुव की हो तो? वहां के लिए निश्चित ही इस तापमान को खतरे की घंटी माना जाएगा। चिंताजनक बात यह है कि यह घंटी बज चुकी है। दुनिया की सबसे ठंडी जगहों में शुमार उत्तरी ध्रुव में बढ़ती...
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