लाखों महिलाएं, पुरुष और बच्चे आज भी उन अपमानजनक सामाजिक बेड़ियों में बंधे हुए हैं, जो उनके जन्म से ही उन पर लाद दी गई थीं। आधुनिकता की लहर के बावजूद आज भी भारत के दूरदराज के देहातों में जाति व्यवस्था जीवित है। यह वह व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति के जाति विशेष में जन्म लेने के आधार पर ही उसके कार्य की प्रकृति या उसके रोजगार का निर्धारण कर...
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पांच लाख गांवों को इंटरनेट से जोड़ेगी सरकार
नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को विश्वास जताया कि अगले दो साल में देश के पांच लाख गांवों को इंटरनेट ब्राडबैंड सेवाओं के लिए राष्ट्रीय आप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क [एओएफएन] से जोड़ दिया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण विकास और दूरसंचार विभाग की योजनाओं से पैसे की मदद करने का विचार है। दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने आज यहां कि इस संबंध में गठित पित्रोदा समिति का मानना है कि इस कार्यक्रम...
More »विधायकों को मिलेगा मनरेगा का रिपोर्ट कार्ड
पटना। बिहार के विधायक अब अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की अद्यतन जानकारी रख सकेंगे। मनरेगा में सम्बंधित विधानसभा क्षेत्र के बारे में जानकारी राज्य ग्रामीण विकास विभाग विधायक को रिपोर्ट कार्ड के जरिये अवगत करायेगा। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा ने सोमवार को बताया कि विधायकों को मनरेगा की प्रगति रिपोर्ट और स्वीकृत योजनाओं की सीडी पंचायतवार उपलब्ध करायी जायेगी, जिससे...
More »बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
More »ग्रामीण गरीबी रिपोर्ट 2011
जब कभी दुनिया की गरीबी पर कोई रिपोर्ट जारी होती है, तो उसमें दक्षिण एशिया- उसमें भी खासकर भारत सबसे बदहाल दिखता है। हमारे यहां न सिर्फ सबसे ज्यादा संख्या में कम वजन (अंडरवेट) के बच्चे हैं, बल्कि प्रसूति के दौरान माताओं की मृत्यु की दर भी बेहद ऊंची है। भारत में ही सबसे ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल नहीं जाते और विश्व कुपोषण सारणी में भी भारत का...
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