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वे बुजुर्ग जिनके बच्चे अब परदेस में हैं-- गौरीशंकर राजहंस

उम्र की अपनी शारीरिक परेशानियां होती हैं, फिर इसमें वे परेशानियां जुड़ जाती हैं, जो बढ़ी उम्र की वजह से किसी को यह समाज देता है। मेरे एक भारतीय मित्र कुछ साल पहले पेंसिल्वेनिया (अमेरिका) के एक कॉलेज से रिटायर हुए, तो जीवन अचानक ही कठिन हो गया। पत्नी का निधन पहले ही हो गया था और बच्चों के साथ विदेश में रहने की अपनी दिक्कते थीं, सो हारकर उन्होंने...

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कहां है हमारी डिजिटल संप्रभुता?-- संदीप मानुधने

सत्रह वर्ष पहले पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कारगिल क्षेत्र में आक्रमण किया था. वह भारत के लिए एक चुनौती थी, जिसे हमारी सेना ने मुंहतोड़ जवाब देकर खत्म कर दिया था. उस युद्ध से एक अच्छी सीख हमें मिली थी. जब युद्ध चरम पर था, तब उपग्रह प्रणाली के जरिये हमने दुश्मन के कोऑर्डिनेट्स (स्थल पहचान चिह्न) पता करने के लिए अमेरिका से जीपीएस डाटा (जीपीएस अमेरिकी सिस्टम है) मांगा था....

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पुलिस बल की अबलाएं-- अंजलि सिन्हा

पुलिस की भर्ती में शारीरिक सौष्ठव और दम-खम एक अनिवार्य कसौटी रहती है। भर्ती के बाद प्रशिक्षण में शारीरिक चुस्ती, अपराधी की पहचान और उसकी धर-पकड़ आदि के कौशल सिखाए जाते हैं। पर इसी के साथ-साथ पुलिस के प्रशिक्षण में सामाजिक आयाम, खासकर जेंडर संवेदनशीलता को भी शामिल किया जाना चाहिए।   छत्तीसगढ़ की चांदखुरी पुलिस एकेडमी, जो राजधानी रायपुर से मुश्किल से पच्चीस किलोमीटर दूर स्थित है, पिछले दिनों गलत कारणों...

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बच्चों को किस भाषा में शिक्षा दें?-- आकार पटेल

बच्चों को किस भाषा में शिक्षा दी जाये- इस सवाल का जवाब देना आसान काम नहीं है. कुछ साल पहले नरेंद्र मोदी, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, ने मुझे इस समस्या के लिए अपना समाधान बताया था. मैं कुछ देर में आपसे उनकी बात को साझा करता हूं. मैं इस बात का उल्लेख उन चार खबरों की वजह से कर रहा हूं, जो हाल के दिनों...

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शिक्षक, शिक्षा और समाज-- चंद्रकांता शर्मा

शिक्षक का दर्जा समाज में बड़ा ही सम्माननीय तथा उच्च माना गया है। वह नैतिकता व आदर्शों का प्रेरणास्रोत तथा जीवन-मूल्यों के सतत नियामक रूप में भी जाना गया है। शिक्षक के रूप में एक विनयशील, अनुशासनबद्ध और आदर्श जीवन पर चलने वाले व्यक्ति को मान्य किया गया है तथा माना गया है कि उस पर समाज, राष्ट्र तथा मानव जीवन की सभी नैतिक जिम्मेदारियां हैं। समय के साथ ‘गुरु'...

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