लंदन. दुनिया का सात अरबवां बच्चा हिंदुस्तान में नहीं, बल्कि 4764 किलोमीटर दूर मनीला में पैदा हुआ है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ ने घोषणा कर दी है कि दुनिया की आबादी सात अरब हो गई है। संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा है कि विश्व की जनसंख्या सन 2100 तक 10 अरब तक पहुंच सकती है। इस दौरान जन्मदर में अनुमान से अलग, जरा भी वृद्धि हुई तो यह 15 अरब...
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गरीबों की गिनती का सच : हर्ष मंदर
मानवीय अस्मिता के साथ जीवन बिताने के लिए किसी गरीब व्यक्ति को कितने पैसे की जरूरत हो सकती है? हम जिस समय में जी रहे हैं, उसमें ऐसा कभी-कभार ही होता है कि अखबारों के फ्रंट पेज और खबरिया चैनलों के प्राइम टाइम बुलेटिनों में यह सवाल सुर्खियों में आया हो। यह भी आम तौर पर नहीं होता कि इस पहेली ने मध्यवर्ग की चेतना को चुनौती दी हो। लेकिन जब...
More »इन्क्लूसिव मीडिया फैलोशिप (2011)--- परिणाम घोषित
विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सीएसडीएस) के इन्क्लूसिव मीडिया फैलोशिप के लिए देश भर से आठ पत्रकार चयनित हुए हैं। इसमें एक फैलोशिप का प्रायोजन देश के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने वाले वाले स्वयंसेवी संगठन प्रथम के aser (एनुअल स्टेटस् ऑव एजुकेशन-रुरल) की तरफ से किया गया है। इन्कलूसिव मीडिया प्रोजेक्ट के अन्तर्गत मीडिया-रिसर्च का भी काम होता है, साथ ही भारत के ग्रामीण संकट...
More »दो माह मे केंद्र को भेजे जाएंगे वन स्वीकृति के मामले
जागरण ब्यूरो, शिमला : मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि वन स्वीकृति के मामले दो माह के भीतर केंद्र सरकार को प्रेषित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाएगा व इसी वित्तीय वर्ष में पांच आइटीआइ खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री मंगलवार को यहा विधायकों के साथ योजना विचार-विमर्श के सायंकालीन सत्र में बोल रहे थे। मंडी जिला : रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर सुनिश्चित...
More »पत्रकारों के लिए इंक्लूसिव मीडिया फैलोशिप-2011
देश के ग्रामीण-संकट से संबंधित सूचना-विचार-विकल्पों के भंडारघर इंक्लूसिव मीडिया फॉर चेंज(www.im4change.org) की तरफ से साल 2011 की मीडिया फैलोशिप के लिए आवेदनपत्र आमंत्रित है।विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सीएसडीएस) की एक परियोजना इंक्लूसिव मीडिया फॉर चेंज की यह फैलोशिप हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के पत्रकारों के लिए है। फैलोशिप के लिए चयनित अभ्यर्थी से अपेक्षा है कि वे दो से तीन हफ्ते ग्रामीण समुदाय के बीच बितायेंगे और जिन जमीनी मसलों को...
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