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“नोटबंदी में जुड़वा बच्चे खत्म हो गए हम आस लगाए हैं इस बंदी में हमारा यह बच्चा बच जाए"

-न्यूजक्लिक,  "हमारे चार बच्चे खत्म हो चुके हैं। नोटबंदी में जुड़वा बच्चे खत्म हो गए। हम आस लगाए हैं इस बंदी में हमारा यह बच्चा बच जाए" ये शब्द कामगार श्यामजी उपाध्याय के हैं। श्यामजी इलाहाबाद से तीस किलोमीटर दूर फूलपुर में इलेक्ट्रिशन का काम करते हैं। लॉकडाउन में दो महीने से काम बंद है, श्याम जी के पास न खाने के पैसे हैं न ही कमरे का किराया देने के लिए।...

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एक्सक्लुसिव इंटरव्यू: “पढ़ाई पटरी पर लाने के दिशानिर्देश जल्द” -रमेश पोखरियाल निशंक

-आउटलुक,  अचानक आई कोविड महामारी ने स्कूल-कॉलेज से लेकर सरकार तक, किसी को संभलने का मौका नहीं दिया। जिस समय संकट आया, उसी वक्त स्कूलों और कॉलेजों की परीक्षाओं के साथ उच्च शिक्षा संस्थानों की प्रवेश परीक्षाएं होती हैं। सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि छात्रों की पढ़ाई और साल बर्बाद न हो। छात्रों की परेशानियां दूर करने के लिए केंद्र सरकार क्या कदम उठा रही है, राज्यों...

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घुमंतू जनजातियां लॉकडाउन की मार झेलने वालों में सबसे आगे हैं तो फिर खबरों में क्यों नहीं हैं?

-सत्याग्रह, सिराज मियां को कुछ दिन पहले यह सूचना मिली कि गुवाहाटी से ट्रेन सेवा शुरु हो गई है. वे भले ही 65 वर्ष के हों लेकिन इस खबर ने जैसे उनके अंदर करंट भर दिया. ‘ये सुनकर मैं एक छोटे बच्चे की तरह खुशी में इधर से उधर घूम रहा था.’ इस खबर को सुनने के बाद उन्होंने और उनके सभी साथियों - आबिद, साहिल, आमिद और शरीफ - ने...

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मजदूरों का दर्द: 'किस भरोसे से गाँव वापस जाएं, दो महीने बाद खाली हाथ घर लौटने की हिम्मत नहीं बची है'

-गांव कनेक्शन, "किस भरोसे से गाँव वापस जाएं ? दो महीने बाद खाली हाथ घर लौटकर घर जाने की हिम्मत नहीं बची है। गाँव में कोई रोजगार नहीं है कि जाते ही काम मिल जाएगा। वहां करेंगे भी क्या जाकर ? यहां कम से कम ये तो उम्मीद है कि लॉकडाउन खुलने के बाद हो सकता है कुछ काम ही मिल जाए।" पुताई करने वाले राकेश कुमार (43 वर्ष) के इन शब्दों...

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थके हुए 15 मज़दूर रेल की पटरी पर सो रहे थे, मालगाड़ी ने कुचल दिया

-लल्लनटॉप, महाराष्ट्र का जालना ज़िला. यहां 8 मई की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया. ‘इंडिया टुडे’ के गोपाल गुप्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 15 प्रवासी मज़दूर जो रेल की पटरी पर सो रहे थे, उनके ऊपर से मालगाड़ी गुज़र गई. इनमें से बहुतों की मौत हो गई. कुछ बच्चे भी शामिल थे. घटना सुबह करीब 6:30 बजे की है. ये सभी जालना से औरंगाबाद के लिए निकले थे. वहीं...

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