-बीबीसी, दिल्ली में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 3390 नए मामले सामने आए हैं. इसी के साथ कोरोना संक्रमण के कुल मामले 73780 हो गए हैं. दिल्ली सरकार का कहना है कि राजधानी में कोरोना के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि टेस्ट की संख्या तीन गुना कर दी गई है. शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''पहले जब पाँच से छह हज़ार टेस्ट रोज़ाना...
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बदलती विश्व व्यवस्था पर पुतिन का आलेख
-न्यूजलॉन्ड्री, द्वितीय विश्व युद्ध में नाज़ीवाद के विरुद्ध निर्णायक जीत की 75वीं वर्षगाँठ पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उस महायुद्ध, उसके बाद की दुनिया और वर्तमान वैश्विक स्थिति पर एक विस्तृत लेख लिखा है. उन्होंने बताया है कि क्यों हर साल 9 मई का दिन रूस के लिए सबसे बड़ा दिन होता है और उस विश्व युद्ध से आज हम क्या सीख सकते हैं. पश्चिमी देशों में इस लेख के...
More »अपने मजबूत इरादों के साथ, शीला देवी जुडी हैं, गरीब आदिवासी बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में।
-विलेज स्कवायर, एक दिन की बात है, फील्ड में विजिट के दौरान एक महिला को लाठी के सहारे कंधे पर थैला लटकाये कहीं जाते देखा। उत्सुकतावश उनसे बात करने का मन किया। फिर देखा तो उन्हें बच्चों ने ”मैडम, मैडम” बोलते हुए घेर लिया। उन्हें ऊंचे स्थान पर बने एक मकान पर चढ़ने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी| फिर उन्होंने ऊपर बंधी घंटी बजायी । सभी बच्चे एक साथ लाईन...
More »कैसी होगी कोविड-19 के बाद दुनिया-3: पूंजीवाद रहेगा या समाजवाद
-डाउन टू अर्थ, माना जा रहा है कि कोरोनावायरस बीमारी (कोविड-19) के बाद दुनिया में बड़ा बदलाव आएगा। इंग्लैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ सुरे के सेंटर फॉर द अंडरस्टैंडिंग ऑफ सस्टेनेबल प्रोस्पेरिटी के ईकोलॉजिकल इकोनोमिक्स में रिसर्च फेलो सिमोन मेयर ने इस विषय पर एक लंबा लेख लिखा, जो द कन्वरसेशन से विशेष अनुबंध के तहत डाउन टू अर्थ में प्रकाशित किया जा रहा है। इसकी पहली कड़ी में आपने पढ़ा, कैसी...
More »बिहार में पीडीएस का हाल, मांगा अनाज, मिली जेल
-बीबीसी, बीती 7 जून को बिहार के अरवल के अनुमंडल कार्यालय में राशन कार्ड बनाने और उसका सत्यापन करवाने के लिए भीड़ उमड़ी थी. हज़ारों की इस भीड़ के लिए सरकारी 'सोशल डिस्टैंसिंग' की बात बेमानी थी. राशन कार्ड के लिए लाइन में सबा परवीन भी खड़ी थी. इस कोरोना कॉल में उनके लिए सरकारी खाद्यान्न सहायता अब जीने-मरने का सवाल बन चुकी है. जीने-मरने का ये सवाल सिर्फ़ अरवल जिले के लोगों के...
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