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मुफ्त अनाज स्कीम से कैसे गुजरात-हिमाचल प्रदेश के चुनावों में फ़ायदा उठा सकती है भाजपा

दिप्रिंट, 07 अक्टूबर केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) से चुनावी राज्य गुजरात में आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से को फायदा पहुंचने की उम्मीद है. सरकारी आंकड़ों से यह बात सामने आई है. इस योजना को पिछले सप्ताह अगले तीन महीने यानी दिसंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. सरकारी आंकड़ों के दो सेटों का विश्लेषण – 2020 के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और पीएमजीकेएवाई लाभार्थियों...

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11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोई नेत्र बैंक नहीं है: आरटीआई

द वायर, 5 अक्टूबर  गोवा और जम्मू कश्मीर समेत 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अभी तक कोई नेत्र बैंक नहीं है. आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि अकेले ऐसे बैंकों का होना उद्देश्य की पूर्ति नहीं करता है क्योंकि विशेष रूप से कोविड-19 महामारी को देखते हुए नेत्र दाताओं की मांग में वृद्धि हुई है. मध्य प्रदेश के एक सामाजिक कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़...

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एनजीटी : तेलंगाना पर 3800 करोड़ रुपए का जुर्माना, सीवेज और कचरा निस्तारण न करने पर लगेगा यह फार्मूला

डाउन टू अर्थ, 5 अक्टूबर सीवेज और ठोस कचरे का नियमों और मानकों पर समयबद्ध तरीके से निपटान न किए जाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती जारी है। एनजीटी ने तेलंगाना सरकार को 3800 करोड़ रुपए का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है। सीवेज और ठोस कचरा निस्तारण के मामले में एनजीटी की ओर से अब तक का यह सबसे बड़ा जुर्माना है। इसी वर्ष एनजीटी ने पश्चिम बंगाल पर सीवेज...

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उत्तराखंड: कार्बेट रिज़र्व में टाइगर सफारी के लिए अवैध तौर पर छह हज़ार से अधिक पेड़ काटे गए

द वायर, 3 अक्टूबर उत्तराखंड सरकार की बहुप्रतीक्षित टाइगर सफारी परियोजना भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) की एक रिपोर्ट के बाद सवालों के घेरे में आ गई है. द हिंदू के मुताबिक, एफएसआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआई) में 6,000 से अधिक पेड़ अवैध रूप से काट दिए गए, जबकि पाखरो टाइगर सफारी के लिए 163 पेड़ ही काटे जाने की अनुमति थी. राज्य के वन विभाग ने...

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दिल्ली सरकार का कहना है कि राज्य में एक भी हाथ से मैला ढोने वाला व्यक्ति नहीं है, फिर कैसे मर गए लोग?

न्यूजलौंड्री, 3 अक्टूबर  साल 2013 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ी धूमधाम के साथ हाथ से मैला ढोने की प्रथा को समाप्त कर दिया. इसने "हाथ से मैला ढोने वालों द्वारा झेले गए ऐतिहासिक अन्याय और अपमान को ठीक करने" की मांग की और राज्यों को भी ऐसा ही करने का निर्देश दिया. दिल्ली में, सरकार द्वारा दावा किया गया है कि यहां एक भी हाथ से मैला ढोने वाला व्यक्ति...

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