गाँव कनेक्शन, 3 नवम्बर कश्मीर के मीठे बादाम, जिनमें तेल की मात्रा अधिक होती है, 'मेवा के राजा' के रूप में जाने जाते हैं। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार भारत में उत्पादित कुल बादाम का 91 प्रतिशत से अधिक जम्मू और कश्मीर में खेती की जाती है, इसके बाद हिमाचल प्रदेश में नौ प्रतिशत की खेती की जाती है। लेकिन, कश्मीर के बादाम के बागों की जगह धीरे-धीरे सेब सहित अन्य...
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वैश्विक ग्रीन हाउस उत्सर्जन 2025-2030 के बीच अपने चरम पर होगा
कार्बनकॉपी, 01 नवम्बर मिस्र के शर्म-अल-शेख में सोमवार से शुरू हो रहे जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में इस बात का आकलन भी होगा कि आखिर उन वादों से क्या हासिल हो रहा है जो दुनिया के तमाम देशों ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए किए हैं। इन राष्ट्रीय वादों या संकल्पों को तकनीकी भाषा में एनडीसी (नेशनली डिटर्माइंड कॉन्ट्रिब्यूशन) कहा जाता है। शर्म-अल-शेख सम्मेलन से पहले जलवायु परिवर्तन...
More »कपास की जीएम किस्म बॉलगार्ड टू राउंडअप रेडी फलेक्स को जीईएसी की मंजूरी की तैयारी
रूरल वॉयस, 29 अक्टूबर जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) द्वारा सरसों की जीएम किस्म डीएमएच-11 की इनवायरमेंटल रिलीज की सिफारिशों के 26 अक्तूबर को सार्वजनिक होने के बाद से जीएम फसलों के विरोध में कई संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। कृषि वैज्ञानिक जीईएसी के इस कदम से काफी उत्साहित हैं। इसी बीच इस बात की संभावना बढ़ गई है कि जीईएसी की अगली बैठक में कपास की हर्बिसाइड टॉलरेंट...
More »बढ़ते तापमान से भारत को जीडीपी में 5.4% का नुकसान
कार्बनकॉपी, 29 अक्टूबर बढ़ते तापमान के कारण भारत तथा अन्य G20 देशों को सभी क्षेत्रों में बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से उत्पन्न ऊर्जा संकट के पहले ही, G20 सरकारों ने 2021 में जीवाश्म ईंधन उत्पादन पर 64 बिलियन डॉलर खर्च किए थे। विभिन्न देशों के कई संगठनों की साझेदारी द्वारा तैयार की गई जलवायु पारदर्शिता रिपोर्ट (क्लाइमेट...
More »पोषण से खाली भारत की थाली
डाउन टू अर्थ, 27 अक्टूबर भारत के सामने सबसे बड़ी बुनियादी चुनौती खाद्य और पोषण असुरक्षा की है। इस विषय को बहुत तार्किक ढंग से समझे जाने की जरूरत है। विश्व में भारत को मज़बूत करने की शुरुआत देश को भीतर से मज़बूत करने की पहल से होगी। भूख की स्थितियों को नकारने से भारत की गरिमा में कोई विस्तार न होगा। वैश्विक भूख सूचकांक (ग्लोबल हंगर इंडेक्स) यह नहीं कहता कि...
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