बिलासपुर। जिले के 10 हजार से ज्यादा किसानों व उनके परिवार के सामने फांके की नौबत है। इस बार बारिश न होने के कारण इनकी पूरी फसल चौपट हो गई है। फसल सर्वे में इस बात का पता चला है। इस बाबत भू-अभिलेख विभाग ने राज्य शासन को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें शत-प्रतिशत अकाल की जानकारी दी है। जिले में पेंड्रारोड,पेंड्रा,मस्तूरी व तखतपुर तहसील सबसे ज्यादा सूखे की चपेट में...
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नागरिक अधिकारों पर कुठाराघात-- रामबहादुर राय
बीते सोमवार को राजस्थान विधानसभा में राज्य सरकार ने एक बिल पेश किया था, जिसमें प्रावधान था कि नेताओं, लोकसेवकों तथा जजों के खिलाफ मामला दर्ज करने से पहले सरकार से इजाजत लेनी होगी. गौरतलब है कि इस बिल को विधानसभा में पेश करने से पहले राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने सितंबर महीने की 7 तारीख को एक अध्यादेश भी जारी किया था. हालांकि, इस अध्यादेश को राजस्थान हाइकोर्ट...
More »छत्तीसगढ़- स्कूलों में अब प्लेसमेंट एजेंसियों से होगी शिक्षकों की भर्ती
सुरेश देवांगन, कोरबा। शिक्षा विभाग अब स्कूलों में शिक्षकों की सीधी भर्ती नहीं करेगा, इसकी जिम्मेदारी प्लेसमेंट एजेंसी को दे दी है। हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती अब आउटसोर्सिंग से की जाएगी। जिन स्कूलों में शिक्षक की कमी है, वहां भर्ती प्रक्रिया का दायित्व प्लेसमेंट एजेंसी को देने के लिए निविदा मंगाई गई थी। कोरबा सहित 11 जिलों में प्लेसमेंट कंपनी नियुक्त करने के लिए निविदा खोली...
More »कौन सुनता है उनकी बात --- बद्री नारायण
भारतीय लोकतंत्र को एक सक्षम लोकतंत्र माना जाता है, लेकिन यह अंतर्विरोधों से भी भरा हुआ है। इसकी एक विडंबना यह है कि भारतीय जनता का एक वर्ग जहां अति मुखर है, वहीं उसका एक बड़ा वर्ग ‘मूक व चुप समुदाय' के रूप में समाज में रहता है। भारतीय समाज का एक भाग जहां सोशल मीडिया, मीडिया के अन्य रूपों, सभा-सोसायटी में बोल रहा होता है, वहीं एक बड़ा भाग...
More »ग्राम सभा की बात-- अनुज लुगुन
साल 2013 में ओडिशा के नियमगिरि में वेदांता के बॉक्साइट खनन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ओर से कोई फैसला न सुनाते हुए वहां की ग्राम सभाओं को निर्णय देने का अधिकार दिया था. यह संभवत: स्वतंत्र भारत का ऐसा ऐतिहासिक फैसला था, जिसमें आदिवासियों ने अपने निर्णय से दुनिया की एक बड़ी कंपनी को मात दिया था. यह ग्राम सभा के द्वारा संभव हुआ था. ग्राम...
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