लंबे इंतज़ार के बाद मंगलवार को देश की सर्वोच्च अदालत में तीन नए जजों की एंट्री हो गई. जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस इंदिरा बनर्जी अब सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा हैं. जजों की नियुक्ति के दौरान लगभग लंबे समय तक जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति का मामला सुर्खियों में बना रहा लेकिन इनके बीच एक नाम और है जो भारतीय न्यायव्यवस्था के इतिहास में दर्ज हो गया. यह...
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लंबा है असम की अस्मिता का संघर्ष - एनके त्रिपाठी
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम मसौदा सामने आने के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या एक बार फिर सुर्खियों में है। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं कि असम के मूल निवासी दशकों से इस समस्या से जूझ रहे हैं। मैं भारतीय पुलिस सेवा में रहा हूं और अपने इस सेवाकाल के दौरान मुझे असम के लोगों द्वारा घुसपैठियों के खिलाफ संघर्ष को करीब से देखने का मौका...
More »क्यों रूठ गए हैं बादल हमसे- प्रार्थना बोराह
देश के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा की सौगात देने वाला मानसून इस बार बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों से मानो रूठ गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इन राज्यों में सामान्य के मुकाबले कम बारिश हुई है। अगस्त और सितंबर महीने के बारे में भी औसत या कम बारिश की भविष्यवाणी मौसम विभाग और स्काईमेट द्वारा की जा रही है। जाहिर है, कम बारिश...
More »पीड़ितों को कमजोर करता कानून-- रुचिरा गुप्ता
मोदी सरकार ने एक और लिंगवादी कदम उठाते हुए लोकसभा से ट्रैफिकिंग ऑफ परसंस (प्रिवेंशन, प्रोटेक्शन एंड रिहैबिलिटेशन) बिल, 2018 पारित करा लिया है, जो यौन शोषण हेतु मानव व्यापार (सेक्स ट्रैफिकिंग) के लाखों शिकारों को अपनी परिभाषा से बाहर रखते हुए मानवाधिकार के सिद्धांतों की अनदेखी तो करता ही है, भारत के अंतरराष्ट्रीय कानूनी दायित्व का भी उल्लंघन करता है. अपने उद्देश्यों तथा औचित्य के बयान के अंतर्गत एक ओर...
More »लोक संसद की कल्पना-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
सफल लोकतंत्र के लिए समाज के हर स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति श्रद्धा का होना जरूरी है. यदि व्यक्ति, परिवार, जाति समूहों और प्रकृति के साथ हमारा लोकतांत्रिक संबंध नहीं होगा, तो फिर राज्य और सरकार के स्तर पर भी इसका होना संभव नहीं है. बलात्कार, भीड़ द्वारा हत्या, धर्म के नाम पर हिंसा, घरेलू हिंसा आदि में यदि बढ़ोतरी हो रही हो, तो फिर हमें समझना चाहिए कि...
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