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कृषि बिल: न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर डरे हुए क्यों हैं किसान?

-बीबीसी, रविवार को राज्यसभा में पारित हुए नए कृषि सुधार क़ानूनों को लेकर विपक्ष के बढ़ते विरोध के बीच केंद्र सरकार ने फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने का फै़सला किया है. कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने सोमवार को इसके लिए मंज़ूरी दे दी है. कृषि मंत्री ने रबी की छह फ़सलों की नई एमएसपी जारी की है. ये फ़ैसला ऐसे वक़्त में लिया गया है जब कृषि...

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कोरोना जांच के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाई पेपर स्ट्रिप, प्रेग्नेंसी किट की तरह करेगी काम

-डाउन टू अर्थ, कोरोना वायरस (एसएआरएस-सीओवी-2) के प्रकोप को नियंत्रित करने से जुड़े प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है कोविड-19 से संक्रमित रोगियों की पहचान। इस दिशा में लगातार काम कर रहे वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई कोविड-19 परीक्षण किट अब उपयोग के लिए तैयार है। इस नई विकसित कोविड-19 त्वरित परीक्षण किट को अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से व्यावसायिक...

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जैविक खेतीः सामूहिक प्रयास ज्यादा मुनाफा

-इंडिया वाटर पोर्टल, देश में कृषि सुधार विधेयक पर जमकर घमासान मचा हुआ है। सरकार जहां इस विधेयक को ऐतिहासिक और किसानों के हक़ में बता रही है, वहीं विपक्ष इसे किसान विरोधी विधेयक बता कर इसका पुरज़ोर विरोध कर रहा है। हालांकि संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद यह विधेयक अब राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जा चुका है, जिनकी सहमति के बाद विधेयक लागू हो...

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कृषि अध्यादेश के 2 बिल राज्यसभा में पास, जानिए किस सांसद ने चर्चा के दौरान क्या कहा, किस किस के बीच हुई कहासुनी

सड़क से लेकर संसद तक जोरदार हंगामे और प्रदर्शनों के बीच 2 किसान बिल संसद के ऊपरी सदन में पास हो गए। बिल पहले से लोकसभा में पास हो चुके हैं इसलिए अब उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, जिसके बाद कानून बन जाएगा। कृषि रिफार्म के नाम पर तीन अध्यादेश लॉकडाउन के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार लाई थी, जिन्हें लागू तो कर दिया गया था लेकिन संसद में पास...

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सोशल मीडिया की बुराइयों से निपटने के लिए अच्छाई को उसी का उपयोग करने की तरकीबें सीखनी होंगी

-सत्याग्रह, घृणा का भूगोल इस पर, बार-बार अनेक क्षेत्रों में, चिन्ता बढ़ रही है कि भारतीय समाज में घृणा और भेदभाव लगातार फैल रहे हैं. हमारा समय इस मामले में लगभग अभूतपूर्व है कि उसमें घृणा, भेदभाव, हत्या और हिंसा को उचित मानने वाले इतने अधिक हो गये हैं. यह भी पहली बार है कि इन वृत्तियों को फैलाने के साधन बहुत बढ़ गये हैं, अत्यन्त सक्षम हैं और उनकी पहुंच हमारी...

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