-न्यूजलॉन्ड्री, दिसंबर 2019 में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक दूषित जल शोधन संयंत्र में काम करने वाले राजकुमार साहू ने 1000 किलोमीटर की दूरी तय करके पुणे जेल में बंद 59 वर्षीय वकील सुधा भारद्वाज से मुलाकात की. पुलिस द्वारा कोर्ट लाए जाते समय कुछ पलों की भेंट के लिए इतनी लंबी यात्रा का क्या औचित्य है, इसे समझाते हुए 50 वर्षीय साहू ने बताया, "वे केवल हमारी यूनियन की...
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बड़ी पड़ताल: उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन, कितना टिकाऊ?
-डाउन टू अर्थ, उत्तराखंड के प्रमुख पर्वतीय शहर पौड़ी से लगभग 15 किलोमीटर दूर गांव कठूड़ की स्यारियों (गदेरे यानी बरसाती नदी से लगते खेत) में विकास रावत और आलोक चारू अपने साथियों के साथ खेत में लगी सब्जियां तोड़ रहे हैं। कुछ ही देर में आसपास के गांव के लोग ये सब्जियां खरीदने आने वाले हैं। ये लोग पेशे से सब्जी किसान नहीं हैं। विकास कोरोना संक्रमण को रोकने के...
More »नौवीं से 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खोलने की इजाज़त, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एसओपी
-द वायर, कोरोना महामारी के चलते लंबे समय से बंद देश भर के स्कूलों को आंशिक रूप से खोलने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किया है. बीते मंगलवार को जारी अपने निर्देश में मंत्रालय ने 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की इजाजत दी है. हालांकि केवल कंटेनमेंट जोन के बाहर के ही स्कूलों को खोलने की इजाजत होगी....
More »क्या हमें पता है कि बीते दो महीनों में हमारे यहां सांपों के काटने से 20 हजार लोग मर चुके हैं
-सत्याग्रह, कुछ बीमारियां तो मौसमी हैं जो खास समय और जलवायु में फैलती हैं. और कुछ कोविड-19 की तरह अचानक ही हमारे सामने आ जाती हैं. लेकिन क्या तमाम मौसमी बीमारियों और कोरोना महामारी के बीच किसी को इस बात की भी सुध है कि बीते दो महीनों में 20 हज़ार से ज्यादा लोग ‘सर्पदंश’ के शिकार होकर हमारे बीच नहीं हैं. पिछले पखवाड़े राजस्थान के बूंदी ज़िले की बालचंदपाड़ा तहसील में...
More »भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अब निर्मला सीतारमण की जरूरत नहीं, मोदी को जयशंकर की तरह लेटरल एंट्री का सहारा लेना चाहिए
-द प्रिंट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब जबकि लगातार गिरती अर्थव्यवस्था, अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट आई है— पर काबू पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, उन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से किसी और मिसहैंडलिंग की जरूरत नहीं है. मोदी को उनकी बनाई भुरभुरी जमीन से उबरना होगा और लेटरल एंट्री को अर्थव्यवस्था बचाने के लिए अपना मंत्र बनाना होगा....
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