-न्यूजलॉन्ड्री, 15 अप्रैल 2021 को उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों के दौरान तमाम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ. जिसके चलते राज्य में 700 से अधिक शिक्षाकर्मियों ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर जान गंवा दी. अकेले गोरखपुर में 40 से अधिक शिक्षाकर्मियों की मौत हो गई. उनके परिवार अब तक मुआवजे और नौकरी को लेकर परेशान हैं. "हम किस सरकार के लिए वोट दें, जिसने हमे विधवा बना दिया?" 39 वर्षीय...
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राजस्थान में अगले साल सरकारी विभागों में एक लाख पदों पर भर्तियां और पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा
-न्यूजक्लिक, राजस्थान में कर्मचारियों की एक महत्वपूर्ण मांग पूरी हो गई है। राज्य में उनके लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जा रही है। यूपी समेत देश भर में कर्मचारी इसी की मांग कर रहे हैं। यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने भी अपनी सरकार आने पर पुरानी पेंशन लागू करने का वादा किया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज, बुधवार को विधानसभा में वित्तवर्ष 2022-23 का...
More »ओबीसी वोट की होड़ में कैसे दब गया जातिगत जनगणना का मुद्दा
-जनपथ, देश के पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जातिगत राजनीति करने वाली पार्टियां अपने-अपने वोट बैंक साधने के लिए प्रयासरत हैं। देश का ओ.बी.सी. समुदाय कुल आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक है। जाति आधारित राजनैतिक पार्टियां इस समुदाय को अपने-अपने पक्ष में करने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रही हैं, इसीलिए जाति जनगणना करने की...
More »पंजाब चुनाव 2022: मालवा के देहात में फैल रही बीमारियां चुनावी मुद्दा क्यों नहीं बन पाईं
-गांव सवेरा, “पिछले कई महीनों से हमारे इलाके में जो भी पत्रकार आता है, वह पूछता है कि किसकी हवा चल रही है. हमारा एक ही जवाब होता है काले पीलिया और कैंसर की. हम जिन बिमारियों में सड़ रहे हैं, उनके बारे में कोई सवाल-जवाब नहीं करता. सबको बस हमारे वोट के बारे में जानना है, दुख तकलीफों के बारे में नहीं.” पंजाब के मानसा जिले के ख्याली चहलांवाली गांव के...
More »ऐसी MSP योजना जो खेती का उद्धार करे
-गांव सवेरा, किसानों का संघर्ष जारी है। यह राजनीतिक सत्ता हासिल करने का संघर्ष नहीं है। यह संघर्ष है भारत की खेती और खेतिहर आबादी के बहुत बड़े हिस्से की आजीविका और रहन सहन को बेहतर करने का जो देश के ज्यादातर हिस्सों में बहुत ही बुरी दशा में है। इसलिए यह निहायत जरूरी हो गया है कि इस शांतिमय जनांदोलन को एक नई दिशा दी जाए ताकि छोटी खेती किसानी...
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