इस साल अक्षय तृतीया पर जब देशभर में लगन चढ़ा हुआ था, बारातें निकल रही थीं और हिंदी अखबारों के स्थानीय संस्करण हीरे-जवाहरात के विज्ञापनों से पटे पड़े थे, तब बनारस से सटे सोनभद्र के दो गांवों में पहले से तय दो शादियां टल गईं. फौजदार (पुत्र केशवराम, निवासी भीसुर) के बेटे का 22 अप्रैल को तिलक था. शादी अगले हफ्ते होनी थी. पड़ोस के गांव में 24 अप्रैल को...
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माफिया ने नदी पर बनाया पुल, सिंध में चल रही 7 अवैध खदान
अब्बास अहमद, भिंड। रेत माफिया पर नकेल के सारे दावे खोखले हैं। मेहगांव के खेरिया गांव में सिंध नदी से अवैघ उत्खनन के लिए ट्रक निकालने नदी पर कच्चा पुल भी बना लिया है। मेहगांव के अमायन और भारौली इलाके में करीब 7 रेत खदानें अवैध तरीके से संचालित हैं। यहां रोजाना करीब 400 ट्रक पॉकलेन मशीनों से भरकर उत्तरप्रदेश और प्रदेश के दूसरे जिलों में भेजा जाता है। माफिया बेखौफ...
More »क्यों खुदकुशी कर रहे हैं किसान- विनय सुल्तान
सारी पार्टियां गजेंद्र सिंह की खुदकुशी पर गमगीन दिखने की होड़ में शामिल हैं। अगर उनके आंसू सच्चे हैं तो वे बाकी किसानों की सुध क्यों नहीं ले रही हैं? महाराष्ट्र में सिर्फ चार महीनों में सैकड़ों किसानों ने अपनी जान ले ली। गजेंद्र सिंह राजस्थान का था। मगर राज्य के किसानों पर छाए संकट का वह अकेला उदाहरण नहीं था। कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में हाल में तीस से...
More »बीमारी नयी नहीं, जड़ पर चोट की जरूरत- कृष्ण कुमार
वसंत के मौसम में परीक्षा में नकल की बातें अक्सर सामने आती हैं. जैसे ही परीक्षा का मौसम का खत्म होता है, सबकुछ सामान्य हो जाता है. अब जिस व्यवस्था में पढ़ाई का एक मात्र लक्ष्य परीक्षा पास करना हो, और हमने उसी तरह की परीक्षा प्रणाली भी विकसित की हो जिसमें ज्ञान अजिर्त करना छात्रों का उद्देश्य न हो, बल्कि परीक्षा में अधिक अंक लाना ही एकमात्र उद्देश्य हो,...
More »किसने मारा उन 42 लोगों को? - सुधांशु रंजन
हाशिमपुरा मामले में जीवित बचे सभी 16 अभियुक्तों की निचली अदालत द्वारा हुई रिहाई ने भारत की न्याय व्यवस्था पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है। लगभग 28 वर्षों के इंतजार के बाद मृतकों के परिजनों को जोर का झटका लगा, जब संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने अभियुक्तों को बरी कर दिया। घटना 22 मई 1987 की है, जब मेरठ के हाशिमपुरा से प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के...
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