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बारिश न होने से अन्न उत्पादक राज्यों पर संकट

नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। देश के प्रमुख अन्न उत्पादक राज्यों में मानसून की देरी से संकट के बादल फिर मंडरा रहे हैं। जून का महीना इस क्षेत्र में खेती के लिए खराब साबित हुआ। इस दौरान इतनी बारिश नहीं हुई कि किसान हल चलाने निकल पड़ता। धान, सोयाबीन और मोटे अनाज की खेती वाले प्रमुख अन्न उत्पादक सात राज्यों में जून में 22 से 82 फीसदी तक कम...

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विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें

जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...

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रेतीले धोरों में दिखी नदियां

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान फेत के कारण राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में रहने वाले लोगों ने भी दो दिन तक बाढ़ का नजारा देखा। रेतीले धोरों में कभी पानी दूर-दूर तक नजर नहीं आता वहां पानी की नदियां देखकर लोगों को ताज्जुब हुआ। हालांकि तेज बारिश का दौर आज पूरे राजस्थान में ही थम गया। सुबह जरूर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में बारिश हुई, लेकिन शाम तक...

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स्कूलों को प्यास-अंधेरे ने जकड़ा

देहरादून। सूबे के प्राइमरी से लेकर माध्यमिक के सैकड़ों स्कूलों को 'प्यास और अंधेरा' जकड़े हुए है। हजारों छात्र-छात्राओं पर गरमी ही नहीं, हर मौसम भारी गुजरता है। 12 हजार स्कूलों में बिजली का उजाला नहीं तो 1800 स्कूल प्यासे हैं। स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि नौनिहालों के बहुमुखी विकास से सूबे की शिक्षा करीबी रिश्ता कायम करना तो दूर, कोसों दूर नजर आ रही है। प्राइमरी से...

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यह शर्मनाक सौदा लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक है!- पी साईनाथ

हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टियों और उम्मीदवारों के द्वारा अपने प्रचार के लिए मीडिया में धन का जम कर इस्तेमाल हुआ। अपने किसी भी चुनावी कवरेज के लिए एक उम्मीदवार को धन के इस संगठित खेल का हिस्सा होना पड़ा या कहें तो जबरन मजबूरी में इसका हिस्सा होना पड़ा। क्योंकि ऐसी धन संस्कृति का मीडिया में इस्तेमाल होने लगा है कि पैसा नहीं तो कवरेज भी नहीं। मीडियाई दुनिया...

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