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यहां कान्वेंट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में पढ़ने आते हैं बच्चे

तुलाराम भोई, महासमुंद। सरकारी स्कूलों से बच्चों को निकालकर कान्वेंट स्कूलों में भर्ती कराना आम बात है लेकिन यदि हम आपसे कहें कि एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है जहां निजी स्कूल छोड़कर बच्चे पढ़ रहे हैं तो आपको शायद यकीन नहीं होगा। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिला अंतर्गत पिथौरा ब्लॉक स्थित भैरोपुर गांव में है यह प्राथमिक शाला। यह कमाल और कोई नहीं, यहां के एक शिक्षक भोजराज प्रधान ने किया...

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तिरुपति की 'दुलारी' पुंगनूर गाय का बढ़ने लगा वंश

राधाकिशन शर्मा, बिलासपुर। आंध्रप्रदेश स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू का भोग चढ़ाने की परंपरा है। इसे श्रीवारी कहते हैं। मान्यता है कि बिना यह भोग चढ़ाए दर्शन पूरे नहीं होते। प्रति दिन करीब दो लाख लड्डुओं का भोग तिरुपति को चढ़ता है। विशेष बात यह है कि ये लड्डू केवल और केवल पुंगनूर प्रजाति की गाय के दूध से बने मावे से बनाए जाते हैं। ऐसा सालों से होता...

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विश्व बैंक की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के पीडीएस मॉडल की तारीफ

अनिल मिश्रा, रायपुर। विश्व बैंक की हाल ही में रिलीज हुई सालाना रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के पीडीएस मॉडल की प्रशंसा की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में इलेक्ट्रानिक उपकरणों के प्रयोग से लीकेज कम करने में सफलता हासिल की है। 2005 में पीडीएस में लीकेज 52 फीसद था जो 2012 में घटकर नौ फीसद रह गया। विश्व बैंक की 2019 की रिपोर्ट-चेंजिंग...

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अर्थशास्त्रियों-समाजशास्त्रियों ने नीति आयोग को कटघरे में खड़ा किया, PM मोदी से की सीइओ को हटाने की मांग

पटना : नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत द्वारा बिहार के कारण देश को पिछड़ा बताये जाने पर राज्य के अर्थशास्त्रियों और समाजशास्त्रियों ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है. बिहार निवासी समाजशात्री-अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीति आयोग के सीईओ को तत्काल हटाये जाने की मांग की है. मालूम हो कि मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा था, ‘‘बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़,...

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साकार होता ग्राम-स्वराज का सपना - नरेंद्र सिंह तोमर

पंचायती राज के आधुनिक इतिहास में 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ 73वां संविधान संशोधन विधेयक मील का पत्थर है। इस विधेयक के पारित होने के लगभग दो दशकों तक यह कछुए की गति से चलता रहा। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद इसमें तेजी आई। राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं ईमानदार कोशिश की बदौलत परवान चढ़ी पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से ग्राम स्तर पर मौन क्रांति का सूत्रपात...

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