राजस्थान के कई शहरों में लोगों को 24 घंटे पानी देने की तैयारी की जा रही है. मगर कहने में अच्छी लगने वाली यह योजना कार्यान्वयन के स्तर पर खामियों से भरी है. शिरीष खरे की रिपोर्ट खबर 24X7. बैंकिंग 24X7. पिज्जा 24X7. और अब इसी तर्ज पर राजस्थान के कई शहरों में 24 घंटे और सातों दिन पानी पिलाने का दावा किया जा रहा है. यह दावा राज्य सरकार...
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गांवों की ‘डगर’ से 20 करोड़ की बिजली गायब!
बिलासपुर। बिजली विभाग के लिए जिले के ग्रामीण इलाकों में सप्लाई घाटे का सौदा साबित हो रही है। यहां के 1635 गांवों में हर महीने 12 करोड़ यूनिट बिजली की खपत है। रिकार्ड के मुताबिक इसमें से 7 करोड़ यूनिट बिजली रास्ते से ही गायब हो जाती है। सिर्फ 5 करोड़ यूनिट बिजली लोगों तक पहुंचती है। तुर्रा यह कि इसमें से महज 2 करोड़ यूनिट का ही बिल जमा किया जाता है।...
More »डरबन से आगे की डगर- सुनील यादव
दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से लौटने के बाद अब विभिन्न देशों ने ‘क्या खोया- क्या पाया’ का आकलन शुरू कर दिया है। ऐसे में हम पाते हैं कि पर्यावरणीय चिंता के वैश्विक सवाल पर यूरोपीय संघ जहां विजेता की मुद्रा में है, वहीं हमारा देश ‘अड़ियल’ का खिताब लेकर लौटा है। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन समझौते के अंतर्गत 1992 में ब्राजील के रियो...
More »खेत के साथ आंख भी नम, जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज
सेम की समस्या सिर्फ चुनावों के समय ही म़ुद्दा बनती है। बाद में इनसे प्रभावित लोगों को कोई नहीं पूछता। सेम से सीएम प्रकाश सिंह बादल का गृह जिला मुक्तसर सबसे ज्यादा प्रभावित है। फरीदकोट और फिरोजपुर जिलों के कुछ गांव भी चपेट में हैं। कुछ साल पहले तक जमींदार कहलाए जाने वाले किसान आज जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज हैं। मुक्तसर जिले के तहत थेहड़ी गांव निवासी परमजीत...
More »अन्न स्वराज- वंदना शिवा
भोजन का अधिकार जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ है और संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस लिहाज से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक स्वागतयोग्य है। पिछले दो दशकों में भारत में भूख एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। 1991 में जब आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए थे, तब प्रति व्यक्ति भोजन की खपत 178 किलोग्राम थी, जो 2003 में...
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