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रघुराम राजन की टिप्पणी के बाद जीडीपी पर कोहराम

किसी भी देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का निर्धारण एक जटिल अर्थशास्त्रीय प्रक्रिया होती है. इसमें अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के उपलब्ध आंकड़ों, मुद्रास्फीति तथा आधार वर्ष के आंकड़ों के समायोजन से कुल उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तय किये जाते हैं. पिछले साल भारत सरकार ने जीडीपी के आकलन की प्रक्रिया में बड़ा फेरबदल किया, जिसे लेकर उद्योग जगत, अर्थशास्त्रियों और नीति-निर्धारकों में चर्चा चल रही है....

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कमाई के कंगूरे और गरीबी का गर्त- धर्मेन्द्र पाल सिंह

स्विट्जरलैंड के बर्फीले नगर दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक की पूर्व संध्या पर ब्रिटेन की संस्था ऑक्सफाम ने एक रिपोर्ट जारी की, जिससे पूरी दुनिया में हंगामा मच गया। ‘एन इकोनॉमी फॉर दी 1%' नामक इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आज महज बासठ खरबपतियों की संपत्ति 17.6 खरब डॉलर (1187.64 खरब रुपए) है, जो विश्व की आधी आबादी की दौलत के बराबर है। एक प्रतिशत अमीरों...

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घर-खेतों को ऊर्जा विकास निगम देगा भरपूर बिजली

भोपाल। ऊर्जा विकास निगम जल्द ही घर और खेतों को सौर ऊर्जा से भरपूर बिजली उपलब्ध कराएगा। इस क्रांतिकारी योजना पर काम जारी है, जो हकीकत में तब्दील की जाएगी। ये दावा किया निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष विजेंद्र सिंह सिसोदिया ने, जो सोमवार को कार्यभार संभालने के बाद विशेष चर्चा कर रहे थे। कार्यभार ग्रहण करने वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और बाजे-गाजे के साथ ऊर्जा भवन पहुंचे थे। निगम...

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दुनियाभर में उथल-पुथल भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौतीः मूडीज

नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती दुनियाभर में जारी उथल-पुथल है। अमेरिका में ब्याज दर बढ़ना और चीन में मंदी जैसे हालात इसमें शामिल है। पिछले एक साल से यह जोखिम बढ़ा है। मूडीज ने सोमवार को एक सर्वे रिपोर्ट में यह बात कही। बाजार से जुड़े 110 लोगों और निवेशकों के बीच किए गए सर्वे के मुताबिक करीब 75 प्रतिशत ने माना कि अगले 12-18 महीनों में...

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असमानता की बढ़ती खाई का खतरा--

दुनिया में गरीबी और अन्याय दूर करने के लिए काम करनेवाली संस्था आॅक्सफैम ने क्रेडिट स्विस के आंकड़ों के आधार पर बढ़ती असमानता की जो भयावह तस्वीर खींची है, उसने नवउदारवादी नीतियों की उपयोगिता पर फिर से बहस तेज कर दी है. इस तस्वीर से जहां नवउदारवाद के आलोचक अपनी बात को सही होते हुए पा रहे हैं कि मौजूदा आर्थिक प्रक्रिया के माध्यम से अमीर और अमीर होंगे व...

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