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सूचना आयुक्त की नियुक्ति में पारदर्शिता हो, सिर्फ रिटायर्ड नौकरशाह न भरे जाएं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र एवं राज्य के सूचना आयोगों में खाली पदों और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में पारदर्शिता बरतने के लिए दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया कि छह महीने के भीतर सभी खाली पदों पर भर्तियां की जानी चाहिए. जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग एवं राज्य सूचना आयोग में पद खाली होने...

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तेरह प्वॉइंट रोस्टर का मुद्दा -- अनुज लुगुन

बातचीत के दौरान 13 प्वॉइंट रोस्टर पर कुछ विद्यार्थी यह चिंता जाहिर कर रहे थे कि यदि नियुक्तियों में इसी तरह के रोस्टर लागू होंगे, तो हमारे पढ़ने-लिखने का कोई मतलब नहीं रह जायेगा. यह व्यवस्था तो प्राचीन मनुवादी सामाजिक व्यवस्था की सूचक है, जिसमें वंचित समुदायों के समान अवसरों का निषेध किया जाता रहा है. तेरह प्वॉइंट रोस्टर को लेकर उनकी यह चिंता वाजिब है. उनकी इस चिंता...

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सारधा चिटफंड घोटाले से बर्बाद हो चुके लोगों की चर्चा क्यों नहीं होती?- उमेश कुमार राय

कोलकाता: करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले के संबंध में कोलकाता पुलिस के कमिश्‍नर राजीव कुमार के घर छापेमारी करने गई सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद पश्‍चिम बंगाल सरकार और केंद्र की मोदी सरकार आमने-सामने आ गई. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व पश्‍चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा सरकार पर संघीय ढांचे को ध्वस्त करने का आरोप लगा कर धरना प्रदर्शन किया,...

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तीन महीने के भीतर अल्पसंख्यक की परिभाषा तय करे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) को निर्देश दिया है कि वह तीन महीने के अंदर अल्पसंख्यक की परिभाषा तय करे. सोमवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अल्पसंख्यक की परिभाषा और अल्पसंख्यकों की पहचान के दिशा-निर्देश तय करने की मांग करने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया. भाजपा नेता अश्वनी कुमार उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर...

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जज तनाव और दबाव में फ़ैसले लिख रहे हैं: जस्टिस एके सीकरी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के जज एके सीकरी का कहना है कि आज के युग में न्यायिक प्रक्रिया दबाव में है, जज तनाव और दबाव में फैसले लिख रहे हैं. किसी मामले पर सुनवाई शुरू होने से पहले ही लोग बहस करने लग जाते हैं कि इसका फैसला क्या आना चाहिए. इसका जजों पर प्रभाव पड़ता है. सीकरी ने ‘लॉएशिया' के सम्मेलन में ‘डिजिटल युग में प्रेस की स्वतंत्रता' विषय पर...

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