रायपुर. प्रदेश के किसानों को एक बार फिर से सरकारी बीजों ने धोखा दे दिया है। सरकारी एजेंसी बीज निगम ने किसानों को सोयाबीन जो बीज बांटे थे, उनसे पौधे तो अच्छे तैयार हो गए, लेकिन जब फल (फल्ली) लगने के समय अचानक पौधे सूख गए। ऐसी घटना एक-दो किसानों के खेतों में नहीं बल्कि राजनांदगांव, कवर्धा और बेमेतरा के सैकड़ों किसानों के खेतों में हुई है। खड़ी फसल सूखने...
More »SEARCH RESULT
सामाजिक न्याय का तंग दायरा- जितेंद्र कुमार
जनसत्ता 29 सितंबर, 2014: अगस्त 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करके तब के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जिस सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुना था, उसके बिखरने में बस चंद वर्ष लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जनता दल को तोड़ कर अलग हो गए और मंडल के सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र बिहार में उसके दो प्रतापी नेताओं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार...
More »ढाई लाख प्राथमिक स्कूलों में अलग-अलग शौंचालय नहीं
देश के 1.61 लाख स्कूलों में शौंचालय बंद पड़े हैं जबकि करीब ढाई लाख स्कूलों ऐसे हैं जिनमें या तो लड़कों के लिए अलग शौंचालय नहीं हैं या फिर लड़कियों के लिए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन स्कूलों में शौंचालयों के निर्माण के लिए सभी से सहयोग की अपील की है। इसलिए उसने मंत्रालय की वेबसाइट पर ऐसे स्कूलों का न सिर्फ ब्यौरा डाल दिया है बल्कि यदि कोई...
More »आखिर किस कीमत पर विकास? - एमएम बुच
प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि भारत में तीव्र आर्थिक विकास और औद्योगीकरण आवश्यक है, किंतु उत्पादन की गुणवत्ता इतनी ऊंची होनी चाहिए कि विश्व भर में उसकी ख्याति हो। साथ ही विकास एवं औद्योगीकरण पर्यावरण के अनुकूल हो। इस ओर विशेष ध्यान दिया जाए कि विकास के कारण पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। यूपीए सरकार से यह शिकायत रहा करती थी कि भू-अर्जन नीति...
More »दवा कंपनियों को राहत आम आदमी पर आफत
बीते सोमवार की रात को, दवाओं की कीमतों के नियामक, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सबको चौंका दिया. उसने उन 108 दवाओं को नियंत्रण से मुक्त कर दिया है, जिन्हें उसने दो महीने पहले ही ‘जनहित' के आधार पर मूल्य नियंत्रण के तहत लिया था. उसने इसकी कोई वजह नहीं बतायी. सिर्फ इतना कहा कि भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रलय के...
More »