रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग केआदिवासी परिवारों की मासिक आमदनी पांच हजार रुपए तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। अधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में गरीबी रेखा श्रेणी के 50 हजार परिवारों को हर महीने कम से कम पांच हजार रुपए की आमदनी सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक तैयारियां शुरू की गई है। इन परिवारों को विभिन्न रोजगारमूलक योजनाओं में शामिल...
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'जो इनसान हैं वे हमारा समर्थन करेंगे, राक्षस नहीं'
बालियान खाप के चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत, रेयाज उल हक को बता रहे हैं कि सगोत्र में शादी की इजाजत देना उनकी नस्ल पर हमला है. अब तो केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करने की मांग पर गौर नहीं करेगी. खाप पंचायतें अब क्या करेंगी? सरकार ने तो बोल दिया है, लेकिन जनता न तो चुप बैठेगी न भय खाएगी. जो...
More »राष्ट्रीय शिक्षा वित्त निगम बनेगा हकीकत
नई दिल्ली। धनाभाव के कारण उच्च शिक्षा से वंचित मेधावी छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए 'राष्ट्रीय शिक्षा वित्त निगम' की स्थापना के प्रस्ताव को योजना आयोग का सहयोग हासिल हो गया है और अब इस विषय पर वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा की जानी है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए सस्ती ऋण सुविधा प्रदान करने के संबंध में 'राष्ट्रीय शिक्षा...
More »नरेगा भी नहीं बच पाया भ्रष्टाचार से
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरेगा [राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना] भी नहीं बच पाई है। एक सरकारी अध्ययन में कई राज्यों में नरेगा के लागू करने में बड़े स्तर पर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार पाया गया है। कुछ क्षेत्रों में अधिकारियों ने केंद्रीय फंड को गलत तरह से खर्च किया है और कामगारों को अपना मुंह बंद करने के लिए कहा है। वीवी. गिरि राष्ट्रीय श्रमिक संस्थान के शोधार्थियों ने...
More »किसे है यूपी में जनता की सेहत की फिक्र
नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आंकड़ों के खेल में सरकार की सेहत भले ही ठीक हो, लेकिन जनता की सेहत की फिक्र किसे है। कम से कम ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। केंद्र सरकार की नजर में इस मामले में राज्य सरकार का कामकाज बिल्कुल असंतोषजनक है। प्रदेश के लगभग दो सौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टरों के और 1929 मातृ-शिशु कल्याण उप केंद्र बिना एएनएम के चल...
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