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पोलियो दवा पीने के बाद मर गया बच्चा!

बिनौली (बागपत)। धनौरा सिल्वरनगर गांव में पोलियो दवा पिलाने के कुछ देर बाद ही डेढ़ माह के बच्चे की मौत हो गयी। इससे गुस्साए लोगों ने बूथ पर हंगामा किया और दवा पिला रही टीम को दौड़ा दिया। मौके पर पहुंचे सीएमओ का घेराव किया गया। सीएमओ के आग्रह के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत धनौरा सिल्वरनगर गांव में अब्दुल हमीद की दुकान में पोलियो बूथ...

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विस्थापितों को नए साल का तोहफा

जम्मू, जागरण ब्यूरो : कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी की योजना के तहत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विस्थापित युवाओं के लिए तीन हजार सरकारी नौकरियों को मंजूरी दी है। फास्ट ट्रैक पर होने वाले इस विशेष भर्ती अभियान के तहत विस्थापित कश्मीरी पंडित युवाओं की भर्ती राज्य भर्ती बोर्ड करेगा। उन्हें कश्मीर डिवीजन में ही नौकरी करनी होगी। कश्मीर डिवीजन में ये नियुक्तियां शिक्षा, समाज कल्याण, रिलीफ, इंजीनियरिंग, वित्ता, पर्यटन, स्वास्थ्य व राजस्व विभाग में...

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सरकारी अस्पतालों को हुआ ‘स्वाइन फ्लू’

लुधियाना. स्वाइन फ्लू ने जता दिया है कि आम मरीज का सरकारी अस्पतालों पर कितना विश्वास है। थोड़ा बहुत खर्च करने की हैसियत रखने वाला पीड़ित भी अस्पताल में दाखिल होने को राजी नहीं। ऐसा डेंगू सीजन में भी हुआ था। तब फ्री इलाज व टेस्ट का ऐलान भी मरीजों को सरकारी अस्पताल तक नहीं खींच पाया था। अब स्वाइन फ्लू फैलने पर सरकार मरीजों को आकर्षित करने के लिए सिविल अस्पताल में संदिग्ध मरीजों के...

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उप्रः करोड़पति बाबुओं की फौज

लखनऊ. कम तनख्वाह के बावजूद उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यालयों के कई बाबू करोड़पति हैं। कुछ प्रापर्टी डीलिंग का काम करते हैं तो एक के पास बसों का काफिला है। वह ट्रेवल एजेन्सी का काम भी कर रहा है। एक तो कोल्ड स्टोरेज का मालिक है। मलाईदार विभाग में नहीं होने के बावजूद कुछ तो पैसा पैदा करने की मशीन बन गए हैं। एक ने प्रधानाचार्य से मिलकर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्नों की छात्नवृत्ति में करोड़ों रुपए...

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ये बेहाल सूरतें लेकिन गहरी नींद में है समाज

छपरा [कृष्णकांत]। 'खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो..।' बहुत दुश्मन दौर के गहरे धंसी टीस का बेतरतीब बयान है यह गीत- फिल्म 'खिलौना' का। गाना मशहूर अभिनेता स्व. संजीव कुमार पर फिल्माया गया था-जो अब रीयल लाइफ में भी कई ऐसे लोगों पर घट रहा है, जिनकी रातें बेचैनियों में कटीं। वे सुखिया नहीं है कि खाते और सोते। दुखिया है इसलिए कि जाग गये, जान गये। अब रो-रो कर असहज...

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