सनावद (खरगोन) (निप्र)। ग्राम बांगरदा व बासवा में पिछले चार दिनों में करीब 700 बगुलों की अकाल मौत हो गई। इसका प्रमुख कारण दलिया में कीटनाशक मिलाकर खेत में छिडकाव करना माना जा रहा है। कृषक फसल को कीड़ों से बचाने के लिए दलिया में कीटनाशक मिलाकर खेतों में छिड़काव कर रहे हैं। कृषि विस्तार अधिकार बीएस सेंगर ने कहा कि एक टीम बनाकर गांवों में भेजी जाएगी। यह टीम किसानों को...
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छाया रहा पेयजल का मुद्दा
चकिया (चंदौली) : प्रभारी जिलाधिकारी / मुख्य विकास अधिकारी सुजीत कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को स्थानीय तहसील सभागार में जिला स्तरीय तहसील दिवस का आयोजन किया गया। इसमें पेयजल सहित गांवों की सफाई बेपटरी होने का मुद्दा छाया रहा। सुबह 10 बजे से प्रारंभ हुए दिवस में निर्धारित समय दोपहर 2 बजे तक 98 फरियादियों ने शिकायत दर्ज कराए। इसमें महज 5 शिकायती पत्रों का ही निस्तारण किया जा...
More »जल प्रबंधन से बन गयी अंतरराष्ट्रीय पहचान- राहुल सिंह
वे अखबार नहीं पढ़ सकते. दो-चार पांच पंक्तियां लिख नहीं सकते. अगर कोई सामान्य बात भी लिखवाना हो तो किसी दूसरे की मदद लेते हैं. किसी तरह अपना हस्ताक्षर कर लेते हैं या एकाध टूटी-फूटी पंक्ति लिख लेते हैं. लेकिन उन पर दुनिया के प्रख्यात विश्वविद्यालय कैंब्रिज के छात्र भी शोध करते हैं. अपनी पीएचडी की थिसिस में उनके कार्यो व पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीण विकास के लिए उनके...
More »धान की खेती के मोह को कम करें किसान- डा अब्दुल वदूद
किसानों को हर साल खेती में भारी क्षति का सामना करना पड़ता है. समय पर बारिश नहीं होने से किसानों की मेहनत तो बेकार हो ही जाती है साथ ही खेतों में डाले गये बीज तथा खाद भी बरबाद हो जाते हैं. किसानों को अब यह सलाह दी जाती है कि वे वैकल्पिक खेती की ओर ध्यान दें. इसी सिलसिले में पंचायतनामा संवाददाता ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में मौसम विज्ञान...
More »मॉनसून साथ न दे, तो भी अच्छी खेती करें- डा. प्रवीण कुमार द्विवेदी
झारखंड और बिहार में मॉनसून की आंखमिचौली एक तरह से स्थायी समस्या बन गयी है. इन परिस्थितियों में फसलों की बरबादी और कम उत्पादन की आशंकाएं रहती हैं. इस विषम परिस्थिति से निबटने का सही तरीका कुशल प्रबंधन है. यह प्रबंधन किसानों को करना है. इस बार मौसम पूर्वानुमान में मॉनसून का ज्यादा साथ देने की संभवना कम व्यक्त की गयी है. ऐसे में किसान संयम, समझ और जागरूकता से काम...
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