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भारत और चीन में सिंचाई के लिए पानी की बढ़ती मांग से गहराएगा भू-जल का संकट : यूएन रिपोर्ट

-डाउन टू अर्थ, एशिया और प्रशांत क्षेत्र दुनिया की 60 फीसदी आबादी का बसेरा है लेकिन इसमें महज 36 फीसदी आबादी के पास ही पानी के संसाधन है। इस क्षेत्र में ताजे पानी की आपूर्ति और अन्य कार्यों के लिए भू-जल पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। वहीं वर्ष 2050 तक भू-जल की निकासी 30 फीसदी तक बढ़ जाएगी। खासतौर से कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए लगातार जल की मांग बढ़ती जा...

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पंचतत्व: देवास ने मिट्टी से जल संकट का समाधान निकाल कर कैसे बुझायी अपनी प्यास

-जनपथ, मध्य प्रदेश में एक इलाका है मालवा. बेहद संपन्न, बेहद उपजाऊ, पर मालवा का देवास जिला इसकी संपन्नता का ठीक उलट था. वजह- गहरा जल संकट. इस इलाके में जलसंकट सन 2000 वाले दशक में इतना विकट था कि शहर में जलापूर्ति ट्रेनों के जरिये की जाने लगी थी. खेती चौपट हो गई और किसानों को साल भर में महज एक ही फसल मिल रही थी. पानी के संकट ने...

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‘देश ख़तरे में है’ का हौवा स्वतंत्र विचारधारा वालों को प्रताड़ित करने का बहाना है

-द वायर, देश में आजकल हर चीज़ खतरे में दिखती है. चाहे धर्म हो, संस्कृति हो, सांप्रदायिक सद्भाव हो या समाज में शान्ति हो, सब बात-बात पर खतरे में बताए जाते हैं. हमारी स्त्रियां तक खतरे में बताई जाती हैं कि विधर्मी उन्हें बहला-फुसलाकर शादी करके धर्म परिवर्तन करा देते हैं. कितनी बार तो हमारा भूतकाल, जो बदल नहीं सकता, वो भी खतरे में बताया जाता है क्योंकि बहुसंख्यकवादी लोग ये आरोप लगाते...

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पड़ताल: एमएसपी पर सरकार बनाम किसान, कौन किस सीमा तक सही?

-न्यूजक्लिक, नए कृषि क़ानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के मोर्चे पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर किसान और सरकार आमने-सामने हैं। एमएसपी के निर्धारण और उसके आधार पर फ़सलों को ख़रीदने की सुनिश्चितता को लेकर इन दिनों एक लंबी बहस चल रही है। लेकिन, इस पूरी बहस के परिपेक्ष्य में कई ऐसे बिंदू छूट रहे हैं जिन पर किसानों को संदेह बढ़ता जा रहा है और इसलिए वे...

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20 वर्षों में 120 फीसदी बढ़ा स्टील और सीमेंट जैसी सामग्री के उत्पादन से होने वाला उत्सर्जन

-डाउन टू अर्थ, 1995 से 2015 के बीच सामग्री उत्पादन के कारण होने वाले ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 120 फीसदी का इजाफा हुआ है। शोध के अनुसार 1995 में जहां सामग्री उत्पादन से 500 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हुआ था, वो 2015 में बढ़कर 1,100 करोड़ मीट्रिक टन पर पहुंच गया था। यदि सामग्री निर्माण की वैश्विक उत्सर्जन में हिस्सेदारी देखें तो वो इस अवधि में 15...

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