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जन्म देना भी यहां मौत से खेलना है ।।पुष्यमित्र।।

झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर अबूबकर सिद्दीकी से जब झारखंड की सेहत का हाल पूछा जाता है तो वे भवनों का अभाव और मैन पावर की कमी का रोना लेकर बैठ जाते हैं. निश्चित तौर पर गांवों और प्रखंड मुख्यालयों में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं का न होना एक बड़ी समस्या है जो झारखंड के ग्रामीणों को सरकारी चिकित्सा व्यवस्था से दूर करते हैं और एक बड़ी आबादी ओझा और...

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झारखंड में आज भी सपना है बेहतर इलाज

रांची से 32 किमी दूर रांची-पुरुलिया रोड से एक किमी बायें हटकर पहाड़ी की तलहटी में बसा चमघटी पाहनटोली गांव अपनी खूबसूरत भौगोलिक स्थिति व भरपूर हरियाली के कारण लोगों का मन मोह लेता है. पर इस गांव के लोगों की बदहाल जिंदगी व उनका दुख दिल को झकझोर देता है. 31 अगस्त को रांची के अनगड़ा प्रखंड के इस गांव की बीमार आदिवासी महिला लीलावती देवी की मिरगी या...

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ठान लो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं

भारतीय समाज एक पितृप्रधान समाज होने के नाते अमूमन घर-परिवार की जिम्मेदारियां पुरुष ही उठाते चले आ रहे हैं. पुरुषों का वर्चस्व होने के बावजूद यहां नारी का अस्तित्व और गरिमा अब भी बरकरार है. महिलाएं खुद को हर परिस्थिति में ढाल सकती हैं. एक गृहिणी के रूप में वह पूरे घर को भली-भांति संवारती हैं लेकिन मुश्किल की घड़ी में वे बाहरी परिवेश को भी अपनाने में सक्षम रहती हैं.   कुछ...

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मां बचे तो गांव बचे- देव प्रकाश चौधरी(रांची से लौटकर)

टेलीफोन की घंटी बजती है, तो अंजलि टोप्पो के चेहरे पर सुखद मुसकान तैर जाती है। रांची सदर हॉस्पिटल के लगभग सात बाई नौ के एक छोटे से केबिन में ममता वाहन कॉल सेंटर में लोगों के फोन कॉल्स सुनती हुई अंजलि खुद को खुशनसीब समझती है। वह कहती है, 'लोगों की मदद कर सुकून मिलता है।' चार जुलाई, 2011, इसी दिन रांची में ममता वाहन कॉल सेंटर शुरू हुआ...

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आजाद देश की गुलाम किशोर आबादी ?

एक अरब इक्कीस करोड़ की आबादी वाले भारत में 20 फीसदी व्यक्ति किशोर उम्र (10-19साल) के हैं, मतलब किसी भी अन्य देश के किशोरवय लोगों की संख्या की तुलना में ज्यादा।( भारत में इस उम्र के लोगों की कुल तादाद 24 करोड़ 30 लाख है जबकि चीन में किशोरवय लोगों की संख्या तकरीबन 20 करोड़ है।) हरियाणा के बागपत और असम के गुवाहाटी से आने वाले महिला-उत्पीड़न की खबरों के बीच यह जानना महत्वपूर्ण...

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