अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के 2017 के आंकड़ों के अनुसार भारत में आधिकारिक रूप से 1.8 करोड़ बेरोजगार हैं, जिनमें अधिकांश युवा हैं. श्रम और रोजगार मंत्रालय की बीते साल की रिपोर्ट बताती है कि संगठित क्षेत्र में रोजगार, कुल रोजगार का सिर्फ 10.1 फीसद है, जबकि हमारे 60 करोड़ से अधिक कामगारों को असंगठित क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है, जहां सीमित सामाजिक सुरक्षा मिलती है और न्यूनतम वेतन का...
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प्राथमिक शिक्षा की दुश्वारियां-- सुधीर कुमार
एनुअल स्टेटस आॅफ एजुकेशन रिपोर्ट (‘असर'), ग्रामीण भारत के स्कूलों में बच्चों के नामांकन और उनकी शैक्षणिक प्रगति पर किया जाने वाला देश का सबसे बड़ा वार्षिक सर्वेक्षण है। स्वयंसेवी संस्था ‘प्रथम' के सहयोग से जिला स्तर पर स्थानीय संस्थाओं से जुड़े कार्यकर्ताओं के जरिए इस बार देश के चौबीस राज्यों के अट्ठाईस जिलों में चौदह से अठारह वर्ष के किशोरों के बीच कराए गए सर्वेक्षण की बारहवीं रिपोर्ट से...
More »महानगरों के दड़बे-- अभिषेक कुमार
भारत जैसे आबादीबहुल देश में रोटी और कपड़े के बाद तीसरी सबसे अहम जरूरत मकान की उपलब्धता का इस वक्त क्या हाल है, इसका अंदाजा सरकारी आवासीय योजनाओं में आवेदकों की संख्या से होता रहा है। पर इन योजनाओं में फ्लैट के नाम पर काल कोठरी या मुर्गी के दड़बे जैसा घर देने की जो परंपरा दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने पिछली दो योजनाओं से शुरू की, उसका नतीजा यह...
More »टीवी चर्चाओं के अर्धसत्य और झूठ - मृणाल पाण्डे
शीत सत्र समाप्त हुआ और विपक्ष द्वारा ठप की गई संसद की कार्यसूची में दर्ज तीन तलाक का मुद्दा राज्यसभा में लटका रह गया। हो-हल्ले के चलते लगातार स्थगित किए जाने को मजबूर सदन में मुल्तवी हुई यह बहस, संसद के बाहर खबरिया चैनलों पर आयोजित हुई और दर्शकों का ध्यान खींचती रही। बहस-विमर्श से किसी को खास शिकायत नहीं, लेकिन हर दल, तथाकथित सिविल सोसायटी और बौद्धिक क्षेत्रों के...
More »अर्थव्यवस्था सुधारने का मौका-- हिमांशु
आगामी 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट मौजूदा सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि 2019 का बजट लेखानुदान होगा। हालांकि मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि 2019 में चुनावी नतीजा किस करवट बैठता है? इसका मतलब यह है कि आगामी बजट महज इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि इससे अर्थव्यवस्था को कौन-सी दिशा मिलती है, बल्कि...
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