पटना: पशुपालन किसानों के आय का जरिया हैं। खेती किसानी करने वालों की नकद आमदनी का जरिया है दुग्ध उत्पादन। इसे आमदनी कहें या क्रांति इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। मूल बात है कि किसान जो दूध तैयार करते हैं, उन्हें उनका सही मूल्य मिले। बाजार उपलब्ध हो। और इसी बाजार को किसानों के द्वार तक लाने के लिए अब बिहार सरकार ने प्रयास शुरू कर दिया है बिहार...
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आधी अधूरी खाद्य व्यवस्था-- जाहिद खान
तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
More »बिहार- पंचायत चुनाव लड़ने के लिए शौचालय की बाध्यता खत्म
पटना : राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए शौचालय की अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि इस निर्णय के तहत अब पंचायत चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए बिहार राज्य पंचायत राज अधिनियम, 2006 में किये गये प्रावधान को हटा दिया गया है. इसके तहत मुखिया, सरपंच,...
More »बिचौलियों का खेल है कीमत वृद्धि-- रघु ठाकुर
सरकार ने प्याज के निर्यात का फैसला किया है। कहा गया है कि किसानों को प्याज की पर्याप्त कीमत मिल सके, इसलिए प्याज के निर्यात का निर्णय किया गया। दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय सरकार ने प्याज के निर्यात पर यह कह कर रोक लगाई थी कि प्याज के दाम बहुत बढ़ गए हैं और उत्पादन और उपलब्धता कम है। उस समय शहरों के बाजारों में प्याज के दाम बढ़...
More »खत्म होगी अरहर दाल की महंगाई? भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाई नई किस्म..
अरहर के महंगे दामों से परेशानी झेल रही जनता के लिए राहत की खबर है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान(आईएआरआई) ने अरहर दाल की एक नई किस्म तैयार की है जो 120 दिन में तैयार हो जाती है और 20 क्विंटल प्रति हैक्टेयर का उत्पादन देती है। अरहर की वर्तमान किस्मों को तैयार होने में 160 से 180 दिन लगते हैं। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अरहर जून जुलाई में...
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