ग्वालियर. ‘जिंदगी के सारे दुख झेले लेकिन अपने बच्चों को कभी तकलीफ नहीं होने दी। खुद भूखी सोई, लेकिन बच्चों को कभी भूखा नहीं सोने दिया। दिनभर मजदूरी करके जो भी कमाई होती थी, उससे उनका पालन-पोषण किया। अब, जब मैं कुछ कर सकने लायक नहीं हूं, तो बेटे व बहू ने घर से निकाल दिया।’ यह पीड़ा है ९क् वर्षीय एक वृद्धा की जो तानसेन रोड स्थित न्यू रेलवे कॉलोनी के...
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सरकार ने माना 89 किसानों ने की 3 माह में खुदकुशी
भोपाल. किसानों की आत्महत्याओं की हकीकत छुपाने के तमाम प्रयास करती रही सरकार ने मंगलवार को यह माना कि तीन महीने में प्रदेश में 89 किसानों और 47 खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। चौंकाने वाली जानकारी यह भी है कि इस अर्से में प्रदेश में कुल आत्महत्याओं का आंकड़ा 1350 तक जा पहुंचा,जबकि 58 लोगों ने खुदकुशी के प्रयास किए। मंगलवार को कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत के प्रoA के लिखित उत्तर में...
More »कोयले से मिटती है भूख
धनबाद. जिले में एक-दो नहीं लगभग पचास हजार ऐसे लोग हैं जिनके पेट की आग मालगाड़ियों से बुझती है। कोयले से लदी मालगाड़ियां से कोयला चोरी कर बेचना इनका मुख्य पेशा है। गंदा है,अवैध है, पर यही इनका धंधा इनकी रोजरोटी का माध्यम है। इनके लिए मनरेगा कोई मायने नहीं रखता। इनका साफ कहना है कि आठ घंटे काम करने पर के बाद भी न्यूनतम मजदूरी से मनरेगा में अधिक नहीं मिलता,...
More »कुपोषण की चपेट में सहरिया जनजाति के नौनिहाल-एएचआरसी
परंत, राजवीर, रामकुमारी,सन्नी- ये नाम घनघोर कुपोषण में दम तोड़ने वाले बच्चों के हैं। 3 साल या फिर इससे भी कम उम्र के सभी बच्चे मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले गांवों में आबाद सहरिया जनजाति के हैं। आशिक, कुलदीप,पवन और मालती जैसे कुछ बच्चे और हैं, ये भी सहरिया जनजाति के ही हैं और कुपोषण की चपेट में इनका भी दम किसी क्षण टूट सकता है।(देखें लिंक संख्या-1) मानवाधिकारों के मोर्चे पर...
More »मजदूरी मांगी तो उतार दिया मौत के घाट
बल्लभगढ़. ऊंचा गांव में मजदूरी के पैसे मांगने गए युवक की चार लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। शहर थाना पुलिस ने हत्या के आरोप में मृतक के पिता की शिकायत पर चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। सिटी थाना पुलिस में गढ़खेड़ा गांव निवासी धर्मपाल ने कहा है कि उनका 24 वर्षीय बेटा सुरेश एसजीएम नगर स्थित एसएनटी सर्विस सेंटर पर नौकरी करता था। शुक्रवार सुबह वह...
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