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किसानों के लिए फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक बनाने का निर्णय, डेयरी क्षेत्र के लिए 4,558 करोड़ मंजूर

सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) को स्वैच्छिक बनाने के साथ ही देश में 10 हजार कृषि उत्पाद संगठन (एफपीओ) बनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा सरकार ने डेयरी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए 4,558 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि...

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कृषि मंत्रालय खुद ये मानता है कि एमएसपी बढ़ाने पर बाज़ार में विकृति आने का सीधा संबंध नहीं

किसानों को उनके उपज का सही मूल्य दिलाने वाली दो प्रमुख योजनाओं के बजट में इस साल बड़ी कटौती और राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री द्वारा संसद में लागत का डेढ़ गुना दाम देने के दावों के बाद एक बार फिर से किसानों को उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने को लेकर बहस शुरु हो गई है. भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में ये दावा किया था कि...

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आप की थाली में पोषण कम है, क्योंकि अनाज उगाने वाले खेत ही बेदम हैं...

अगर आप अपने पिछले कुछ वर्षों के डॉक्टरों के पर्चे पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि वे दवाओं के साथ विटामिन, जिंक वाली टैबलेट-कैप्सूल भी लिखते हैं, क्योंकि आप जो खाना (शाकाहारी-मांसाहारी) खाते हैं, उसमें ही पोषक तत्व कम हो गए हैं। अनाज में पोषक तत्व कम इसलिए हो गए हैं क्योंकि मिट्टी बेदम हो गई है। इसी कुपोषित मिट्टी में उगी फसल खाकर भारत के लोग पेट तो भर...

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समर्थन मूल्य से 800 रुपये तक नीचे भाव पर अरहर बेचने को मजबूर हैं किसान

केंद्र सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है लेकिन अरहर किसान अपनी फसल मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 700-800 रुपये नीचे भाव पर बेचने को मजबूर हैं। हालांकि उपभोक्ताओं को अरहर दाल अभी भी 80 से 100 रुपये प्रति किलो के दाम पर ही खरीदनी पड़ रही है। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी चंद्रशेखर एस नादर ने बताया कि...

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वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का 102वां स्थान चिंताजनक : नायडू

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होने के बावजूद भारत वैश्विक भूख सूचकांक में 102वें पायदान पर है, जो चिंता का विषय है। नायडू ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उच्च प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होने से खाद्यान्न के मामले में देश आज आत्मनिर्भर हो गया है, लेकिन वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का 102वें स्थान पर होना चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड खाद्यान्न...

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