SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2329

जंगल से कटकर सूख गये मालधारी- शिरीष खरे

एशियाई शेरों के सुरक्षित घर कहे जाने वाले गिर अभयारण्य में बरसों पहले मालधारियों का भी घर था. ‘माल’ यानी संपति यानी पशुधन और ‘धारी’ का मतलब ‘संभालने वाले’. इस तरह पशुओं को संभाल कर, पाल कर मालधारी अपनी आजीविका चलाते थे. एक दिन पता चला कि अब इस इलाके में केवल शेर रहेंगे. फिर धीरे-धीरे मालधारियों को उनकी जड़ों से उखाड़कर फेंकने का सिलसिला शुरु हुआ. जंगल में मालधारी आज की...

More »

हमारा बीपीएल और उनका आईपीएल- देविंदर शर्मा

2009 में जब विश्व आर्थिक मंदी की आग में जल रहा था और इसकी तपिश भारत में भी महसूस की जा रही थी, तब भारत ने तीन किस्तों में करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया था. हम सरकारी अनुदान हड़पने में किसानों और गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को दोषी ठहराते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उद्योग और व्यवसाय जगत इनसे कई...

More »

झारखंड में 99 % परिवारों को नहीं मिलता पाइप से पानी

नयी दिल्ली : झारखंड के ग्रामीण इलाकों में 99 प्रतिशत परिवारों को पाइप से पानी नहीं मिलता है. मात्र एक प्रतिशत से भी कम परिवारों को ही पाइप द्वारा जलापूर्ति की जाती है. ग्रामीण विकास राज्य मंत्री अगाथा संगमा ने आज राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि वर्ष 2005-06 में करवाये गये राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-तीन के अनुसार राज्य के एक प्रतिशत से भी कम परिवारों को पाइप द्वारा जलापूर्ति की जाती...

More »

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए अलग योजना बने

नई दिल्ली। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने गुरूवार को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए अलग योजना बनाने की मांग की। लोकसभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने गुरूवार को संवाददाताओं से कहा कि सरकार को नक्सल प्रभावित राज्यों के विकास के लिए अलग से योजना बनानी चाहिए ताकि इन इलाकों में बिजली, पानी और संपर्क मार्ग सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था के तहत नक्सल प्रभावित...

More »

बस्तर के पिछड़ेपन के लिए नक्सल हिंसा जिम्मेदार

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बस्तर के पिछड़ेपन के लिए नक्सलियों को जिम्मेदार ठहराया है तथा कहा है कि आदिवासियों के विकास में रुकावट डालने वालों को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कल यहां ''भारत की अनुसूचित जनजातियां: कल, आज और कल'' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी के इस आधुनिक दौर में भी यदि के बस्तर संभाग के आदिवासी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close