कहने को भारत कृषि प्रधान देश है। पर बात जब कृषि शिक्षा की आती है, तो सूरत अलग नजर आती है। हायर सेकेंडरी स्तर पर कृषि के पाठ्यक्रम में होने के बावजूद इस पर न सरकार का ध्यान है, न ही पढ़ने-पढ़ाने वालों का। स्कूल के बाद पढ़ाई जारी न रखने वाले अधिकांश छात्र खेती-किसानी में लग जाते हैं। लेकिन इसके लिए न तो उन्हें औपचारिक ज्ञान होता है, न...
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पंजाब में आतंकवाद ने 13 साल में ली 26,000 जानें, सड़क हादसे ने 39,652
चंडीगढ़. एक जमाने का समृद्ध पंजाब 13 साल तक आतंक के अंगारों पर सुलगता रहा, आज सड़कों पर तड़पता हुआ दम तोड़ रहा है। 1982 से 1995 तक चले आतंकवाद के दौर में 26,000 जिंदगियां तबाह हुई थीं, अब इससे भी ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हो रही हैं। पिछले 13 साल में 39,652 लोग हादसों में जान गंवा चुके हैं। यानी हर साल 13 हजार से ज्यादा लोग। ये...
More »काले धन के मसले पर बदलता रुख - आकार पटेल
भारतीयों ने कितना काला धन विदेशों में रखा है? इस बारे में किसी को सही-सही जानकारी नहीं है. सरकार को भी नहीं! वर्ष 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 80 बिलियन डॉलर काला धन होने के अनुमान पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह बहुत बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया है. भारत के उद्यमियों के सबसे बड़े संगठन (एसोचैम) का कहना है कि काले धन का आंकड़ा दो ट्रिलियन...
More »बचत दर कम हुई तो मंदी का बढ़ेगा खतरा - जयंतीलाल भंडारी
अर्थ विशेषज्ञ यह कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मंदी के जोखिम से बचाने के लिए राष्ट्रीय बचत दर में सुधार करना होगा। यह माना जाता है कि 2008 की वैश्विक मंदी का भारत पर कम असर होने के पीछे भारतीयों की घरेलू बचत महत्वपूर्ण कारण थी। वैसे वित्त मंत्रालय ने भी संकेत दिए हैं कि सरकार घरेलू बचत बढ़ाने के लिए कुछ छोटी नई बचत योजनाएं पेश करेगी।...
More »सस्ते कर्ज के दम पर दुनिया में दबंगई - मोहन गुरुस्वामी
कल्पना करें कि आप किसी द्वीप पर रह रहे हैं और एक ऐसे छोटे-से समूह का हिस्सा है, जिसके हर सदस्य को कोई खास जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस सिस्टम में कोई कपड़े बनाता है, कोई जूते तो कोई बर्तन। कोई अनाज उगाता है तो कोई अन्य वस्तुओं और सेवाओं के विनिमय के लिए नोट छापता है। जूते बनाने वाला पैसे लेकर जूते बेचता है और उन पैसों से अपना...
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