पूरे देश की ही तरह मध्य प्रदेश के अर्थतंत्र की रीढ़ भी खेती है। इसी खेती ने 2008 की विश्व मंदी में भी देश की अर्थव्यवस्था को डूबने से बचाया था। हालांकि, यही खेती खुद भी कभी सूखे तो कभी अतिवृष्टि की शिकार होती रही है। नईम की इन पंक्तियों की तर्ज पर कि 'सूखे का हुआ कभी/कभी हुआ बाढ़ का/पहला दिन मेरे आषाढ़ का"। इस बार आषाढ़ तो नहीं मगर...
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ग्राहक सूची में गड़बड़ी, उज्जवला योजना की सूची में करोड़पति भी
जगदलपुर। उज्जवला योजना के तहत खाद्य विभाग द्वारा वार्डों में जारी हितग्राहियों की सूची में भारी गड़बड़झाला नजर आ रहा है। वर्ष 2011 के जनगणना सर्वे सूची के आधार पर बनाए गए हितग्राहियों की इस सूची में कांग्रेस के दिग्गज करोड़पति नेता के परिवार समेत धनिक लोगों के नाम शामिल हैं। सरकार की उज्जवला योजना के तहत जिले में एक लाख 22 हजार बीपीएल परिवार को रसोई गैस कनेक्शन प्रदाय किया...
More »उज्जवला का उजाला सबसे ज्यादा नांदगांव, धमतरी में, 11 जिलों में नहीं पहुंची LPG
रायपुर। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में छत्तीसगढ़ के कुल 25 लाख परिवारों को गैस कनेक्शन देने की योजना में अब तक सवा चार लाख से कुछ अधिक हितग्राहियों का अनुमोदन हो पाया है और मात्र चार हजार को लाभ मिला है। लेकिन खास बात यह है कि योजना का क्रियान्वयन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव और पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर के गृह जिले धमतरी में बेहतर तरीके से...
More »उर्वरक सब्सिडी सीधे देने को केंद्र ने राज्यों से मांगा सहयोग
नई दिल्ली। केंद्र सरकार उर्वरक सब्सिडी सीधे किसानों को देने की इच्छुक है। उर्वरक में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना को लागू करने के लिए उसने राज्यों से सहयोग मांगा है। सब्सिडी में खाद निर्माताओं का लंबित बिल साफ करने के लिए राज्यों को आवश्यक कागजी कार्य भी पूरा करने को कहा गया है। यह चार हजार करोड़ रुपये का है। मंगलवार को उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने राज्य कृषि...
More »मिट्टी ही मिट गई तो कहां खड़े होंगे हम - अनिल प्रकाश जोशी
मिट्टी से जुड़ी बहुत ही कहावतें हैं। इनमें एक है मिट्टी के मोल बिक जाने का मुहावरा, जो अब गलत साबित हो रहा है। अब जब मिट्टी तेजी से गायब हो रही है, तो हमें इसकी कीमत भी समझ में आ रही है। मिट्टी के खोने का सबसे बड़ा प्रमाण मानसून में मिलता है। वर्षा जल के पड़ते ही नदी, नाले, गाढ़-गदेरे जो अपना रंग बदल देते हैं, और हम...
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