SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1220

‘मन की बात’ करने वाले ‘मनरेगा’ की बात क्यों करने लगे?

-न्यूजलॉन्ड्री, बात मनरेगा के बहाने सामाजिक सुरक्षा की, आखिर क्यों पूरी दुनिया में धुर पूंजीवाद की वकालत करने वाले शासक भी संकट के समय साम्यवादी हो जाते हैं. 20 लाख करोड़ के विशेष पैकेज के तहत एक बड़ा हिस्सा (40,000 करोड़ रुपए) वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने मनरेगा योजना में खर्च करने की घोषणा की है. यह हिस्सा केद्रीय बजट में घोषित मनरेगा फंड के अतिरिक्त होगा. खुद को बड़े गर्व से सोशली...

More »

भारत कोरोना के बाद चीन के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की जगह ले सकता है, ये कहना जल्दबाजी होगी

-द प्रिंट, लोग इन दिनों सवाल कर रहे हैं कि क्या कोविड-19 के बाद भारत मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में चीन की जगह ले सकता है. न्यूयार्क टाइम्स के कॉलमिस्ट थॉमस फ्रीडमन ने हाल ही में हुए दिप्रिंट के ऑफ द कफ में इस बारे में अपनी राय दी है. टॉमस फ्रीडमन का यह कहना है कि दुनिया अब एकदम से बदल जाएगी यह कहना जल्दबाजी होगी और ग्लोबलाइजेशन खत्म होने की बात भी...

More »

अकेले वर्षावन ही नहीं, दुनिया के सभी जंगलों को बचाना है जरुरी: वैज्ञानिक

-डाउन टू अर्थ, एक नए अध्ययन से पता चला है कि अकेले वर्षावन में ही नहीं बल्कि समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय शुष्क वनों में भी पेड़ों की हजारों ऐसी प्रजातियां हैं, जो अपने आप में बेजोड़ हैं| दुनियाभर में वर्षावनों को उसकी अनेकों दुर्लभ प्रजातियां के लिए जाना जाता है| यही वजह है कि जब जंगलों के संरक्षण की बात होती है, तो सबसे पहले वर्षावनों को बचाने पर ही ध्यान केंद्रित...

More »

विश्लेषण: पूरे भारत में लॉकडाउन से कितना काबू आया कोरोनावायरस?

-डाउन टू अर्थ, भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है, जिसने 42 दिन के लॉकडाउन का सामना किया। लगभग 130 करोड़ लोग कोरोनावायरस से होने वाली बीमारी (कोविड-19) को फैलने से रोकने के लिए अपने घरों में बंद रहे।  दो चरणों का लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकारी अधिकारियों ने दावा किया कि इन लॉकडाउन से कई फायदे हुए हैं। इनमें से एक बड़ा फायदा यह हुआ कि भारत ने कोरोनावायरस के...

More »

कोविड-19 संक्रमण की आपराधिक जवाबदेही तबलीग़ी जमात के माथे ही क्यों है?

-द वायर,  कोविड-19 के बाद दुनिया पहली जैसी नहीं रहेगी. ऐसे में जबकि अपने अत्याधुनिक स्वास्थ्य ढांचे के बावजूद पश्चिम के विकसित देशों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है. यह जाहिर है कि मानवता को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति से निपटने के नए तरीकों की खोज करनी होगी. ख़ासतौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका को इस बात का एहसास जरूर हो रहा होगा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध पर इसके द्वारा...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close