सत्ता में किसी राजनेता का पहला साल हनीमून का दौर माना जाता है। उम्मीदों ने आसमान से उतरना भले ही शुरू कर दिया हो, लेकिन पहले 365 दिन में वे औंधे मुंह गिर जाएं, ऐसा अक्सर नहीं होता है। योजनाओं, नीतियों व फैसलों के नतीजे आने शुरू नहीं होते, इसलिए आलोचकों के पास कहने को ज्यादा कुछ होता नहीं है। विपक्षी दलों के पास भले ही ढेर सारी आपत्तियां हों,...
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मॉनसून के दौरान अल्प वृष्टि से निपटने को तैयार है सरकार
नयी दिल्ली : मॉनसून के इस वर्ष सामान्य से कम रहने के अनुमानों की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह कम बरसात की हालात से उत्पन्न होनेवाली स्थितियों से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है तथा राज्य सरकारों को भी इस मामले में चौकस रहने को कहा है. हालांकि, मॉनसून के अपने निर्धारित समय से दो दिन पहले केरल तट पर...
More »आत्महत्या करनेवाले किसानों के आश्रितों को मिलेंगे चार लाख
पटना: सूबे के वैसे किसान जो आत्महत्या कर रहे हैं उनके परिवारों के लिए राज्य सरकार ने नीति तैयार की है. इसी महीने तैयार हुई नीति को इसी वित्तीय वर्ष एक अप्रैल, 2014 से लागू कर दिया गया है. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी. जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित जिलों के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया...
More »किसान आत्महत्या- चार लाख के एफडी का मिलेगा ब्याज
पटना : बिहार में पहली बार किसान की आत्महत्या की घटना को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है. राज्य सरकार ने ऐसे किसानों के परिजनों को बड़ी राहत दी है. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में बिहार कृषि संकटग्रस्त किसान सहायता योजना 2015 मंजूर की गयी, जिसके तहत आत्महत्या करनेवाले किसान के निकटतम परिजन के नाम चार लाख रुपये का फिक्स्ड डिपोजिट किया जायेगा, जिस पर मिलनेवालेनियमित...
More »किसानों को चाहिए सुरक्षा कवच- बी के चतुर्वेदी
विकट कृषि संकट के चलते किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसे में हमें इस समस्या पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। किसानों के लिए किसी भी तरह के सुरक्षा तंत्र की रूपरेखा उनकी जरूरतों और समस्याओं की समझ पर आधारित होनी चाहिए। ऐसे किसी तंत्र के लिए विभिन्न पहलुओं पर गौर करना जरूरी है। इसमें से पहला यह कि छोटी जोत की खेती के लिए बड़े पैमाने पर...
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