उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को अब अपने ऋण पर ब्याज में अधिकतम छूट मिल सकेगी। राज्य के सहकारी गन्ना विकास समितियों व चीनी मिल समितियों के निबंधक की ओर से इस बाबत एक नई व्यवस्था लागू की गई है। गन्ना किसानों द्वारा नाबार्ड ऋण की अदायगी पर वर्ष में दो बार डिमाण्ड लगाकर ब्याज अनुदान का पूर्ण लाभ दिए जाने की इस संशोधित व्यवस्था से हर किसान को ऋण...
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कम नहीं चुनाव आयोग की शक्तियां- नवीन चावला
भारत में जाति पर बहस राजनीतिक परिणामों की एक निर्धारक है। यह वर्ष 2019 के आम चुनाव सहित भारत में तमाम चुनावों की एक रोचक विशिष्टता है। यह ऐसी निर्धारक है कि मतदाताओं के बीच अति लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चुनाव अभियान में अपनी जातिगत पहचान बतानी पड़ती है। उत्तर और केंद्रीय भारत की ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियों को किसी जाति या बिरादरी विशेष के लिए पहचाना जाता है।...
More »क्या ‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’ सिर्फ विज्ञापनों तक सीमित रह गया?
नई दिल्ली: कभी ‘शाइनिंग इंडिया' के नाम पर एक सरकार ने सिर्फ विज्ञापन पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए थे? अब इंडिया शाइनिंग हुआ या नहीं, कहना मुश्किल है. लेकिन, मोदी सरकार ने कुछ उसी तर्ज पर ग्राम उदय से भारत उदय नाम का अभियान शुरू किया, जिसका वास्तव में न तो ग्राम उदय से और न भारत उदय से कोई लेना देना था. यह अभियान असल में सरकार के प्रचार...
More »बढ़ते तापमान में मानसून की राहत- महेश पलावत
भारत में मानसून की भविष्यवाणी काफी अहमियत रखती है। इसके महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह देश की कृषि-पैदावार और अर्थव्यवस्था की दशा-दिशा तय करती है। चूंकि भारत की करीब 58 फीसदी आबादी अब भी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है और सिंचाई का प्रमुख साधन मानसूनी बारिश है, इसलिए इस भविष्यवाणी से यह आकलन किया जाता है कि खरीफ की फसल कितनी...
More »चुनावी हंगामे में रोजगार का मसला- हरजिंदर
इस बार आम चुनाव के दो थीम सॉन्ग हैं- रोजगार और कैश ट्रांसफर। ये दोनों गरीबी हटाने के सपने का हिस्सा हैं। कैश ट्रांसफर के सारे वादे सीधे और स्पष्ट हैं, जो छह हजार रुपये सालाना से शुरू होकर 72 हजार रुपये तक जाते हैं, साथ में कुछ पेंशन योजनाएं वगैरह भी हैं। लेकिन रोजगार के बारे में इतनी स्पष्ट बात नहीं की जा रही। पिछली बार भारतीय जनता पार्टी...
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