राज्य में हर साल 1200 से 1400 एमएम तक बारिश होती है़ लेकिन, पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्र होने के कारण अधिकतर पानी बह जाता है़ इसे रोकने के लिए छोटे-छोटे तालाब बहुत जरूरी हैं़ पानी पुरुष राजेंद्र सिंह भी मानते हैं कि झारखंड की जो भौगोलिक परिस्थिति है उसमें छोटे तालाबों का बड़ा महत्व है़ . इस प्रकार के तालाब हर गांव में बनाया जाना चाहिए़ वह भी दर्जनों की संख्या में इस...
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400 करोड़ के केले के पौधे बरबाद
पटना: तेज हवा, बारिश और बाढ़ ने लगभग 400 करोड़ रुपये के केले के पौधों को नुकसान पहुंचा दिया. छठ पर्व में केला बेच कर लाभ कमाने की उम्मीद कर रहे किसानों को जबरदस्त आर्थिक क्षति हो गयी. छठव्रतियों को केले की अधिक कीमत चुकानी तय है. इतना ही नहीं, बचे गये केले के पौधों को विल्ट बीमारी का खतरा उत्पत्र हो गया है.प्रति हेक्टेयर केले की खेती से किसानों को तीन से साढ़े...
More »नमक सेजुड़े नए सवाल- अनिल चमड़िया
जनसत्ता 11 अक्तूबर, 2013 : कई गंभीर घटनाएं हो रही हैं, लेकिन लोगों का मानस इस तरह का बना दिया गया है कि वे किसी विषय के इतिहास को लेकर तो बोलते हैं, उसके मौजूदा हालात पर कुछ सुनने को तैयार नहीं होते। कई बार लगता है कि सुनने की शारीरिक प्रक्रिया को भी एक खास तरह के ढांचे में ढाल देने में बाजारवादी विचारों को कामयाबी मिली है। तात्कालिक संदर्भ...
More »केंद्रीय ग्रामीण विकास रिपोर्ट 2012-13
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश ने आज यहां अपने मंत्रालय की 2012-13 की रिपोर्ट जारी की। इस अवसर पर योजना आयोग के सदस्य डॉ. मिहिर शाह और आईडीएफसी फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राजीव लाल ने भी रिपोर्ट के मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डाला। बाद में ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श भी हुआ। श्री जयराम रमेश ने सरकारी कार्यक्रमों के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रभावी नहीं होने...
More »देश के 20% घरों में अनाज का दाना नहीं : प्रो द्रेज
पटना: अर्थशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि बिहार भूख व मिस गवर्नेस की राजधानी है. यहां भूख व असुरक्षा की स्थिति सबसे अधिक है. छत्तीसगढ़ व ओड़िशा की स्थिति इतनी बुरी नहीं है. पेंशन योजनाओं के मामले में भी बिहार की हालत दयनीय है. ऐसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा अधिनियम से बिहार को बड़ा अवसर मिला है. अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में ‘फूड सिक्युरिटी बिल एंड...
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