अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष यानी आईएमएफ ने वर्ष 2019 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम करके 4.8 प्रतिशत कर दिया है. आईएमएफ ने ये अनुमान गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों में दबाव के साथ ग्रामीण भारत में आय वृद्धि कमज़ोर होने का हवाला देते हुए कम किया है. आईएमएफ ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच का सालाना शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी...
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दशक पर एक नजर: कृषि संकट के लिए किया जाएगा याद
2010 में जब भारत ने सदी के दूसरे दशक में प्रवेश किया था, तब उसके सामने 2008 में शुरू हुई वैश्विक आर्थिक मंदी की बड़ी चुनौती थी। लेकिन उपभोग वस्तुओं की मांग लगातार बने रहने के कारण इस मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ा। खासकर ग्रामीणों ने इस दौरान अपने खर्च में कमी नहीं की और वे लगातार अपनी जरूरत की चीजें खरीदते रहे, जबकि वे लगभग पूरी तरह...
More »महंगाई वाली मंदी
महंगाई झेलना चाहते हैं या मंदी? अपनी तकलीफ चुन लीजिए. फिलहाल तो दोनों ही बढ़ने वाली हैं. रिजर्व बैंक के अनुसार, अगले तीन माह में जेबतराश महंगाई बढ़ेगी. और इस साल की दूसरी तिमाही में विकास दर 4.5 फीसद इस ढलान का अंतिम छोर नहीं है. अगले छह माह में मंदी गहराएगी. इस साल पांच फीसद की विकास दर भी नामुमकिन है. बचत, खपत और निवेश में कमी से बनी यह मंदी...
More »इटरनेट शटडाउनः खेती से लेकर कारोबार सब हो रहे हैं प्रभावित
लखनऊ। गोरखपुर निवासी दीपक प्रसाद (24 वर्ष) लखनऊ में रहकर एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। उनकी मां की तबियत आजकल बहुत खराब रहती है। डिजिटल इंडिया के इस दौर में वह रोज वीडियो कॉल कर अपनी मां का हाल-चाल लेते और खुद को आश्वस्त करते हैं। लेकिन इंटरनेट शटडाउन की वजह से वह पिछले एक हफ्ते से ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। संसद में नागरिक संशोधन बिल पारित...
More »पी साईंनाथ: कितनी आज़ाद है ग्रामीण पत्रकारों की कलम?
मैं पांच भाषाओं में बराबर खराब बोल सकता हूं. यहां मैं मुंबइया हिंदी में बोलूंगा. आप लोगों ने सम्मान दिया, किताब रिलीज करने को बुलाया, यह मेरे लिए सम्मान की बात है क्योंकि ग्रामीण भारत के बारे में बहुत कम छपता है. इस किताब में दस राज्यों से रिपोर्टें हैं. ये वे दस राज्य हैं जहां देश की आधी आबादी, करीब साठ−सत्तर करोड़ लोग रहते हैं. इसलिए ये बहुत अहम...
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