क्या मनरेगा को जस का तस छोड़ा जा सकता है? मनरेगा के मामले में नागरिक-संगठन आखिर इतना हल्ला किस बात पर मचा रहे हैं? क्या ग्रामीण इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता बहुत ज्यादा की मांग कर रहे हैं? क्या यूपीए- II वह सारा कुछ वापस लेने पर तुली है जो यूपीए- I ने चुनावों से पहले दिया था? चुनौती सामने है, मनरेगा गहरे संकट में है। अरुणा राय और ज्यां द्रेज सरीखे...
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आत्मसम्मान का मजबूत होता जज्बा-- योगेन्द्र यादव
-सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन द्वारा देश की राजधानी में आयोजित सम्मेलन अपने आप में एक ऐतिहासिक घड़ी थी. -सदियों से मैला उठाने वाला समाज अब टोकरी नहीं आवाज उठाना चाहता है, हाथ में झाड़ू नहीं किताब लेना चाहता है. -सरकार के झूठे वादों पर उम्मीद बांधने की बजाय अब इस समाज ने खुद मैलाप्रथा को खत्म करने की ठान ली है. आज भी कई लाख लोग अपने सर पर मैला उठाने को अभिशप्त हैं....
More »कारगर नीति जरूरी
केंद्रीय पूल में पंजाब के बाद सबसे अधिक योगदान देने वाले हरियाणा में अनाज भंडारण पर राज्य सरकार उतनी तत्परता नहीं दिखा रही, जितनी अपेक्षित है। कहने को तो निजी ठेकेदारों और भू-स्वामियों की मदद लेने की तैयारी की जा रही है परतु खुले में पड़ा 55 लाख टन गेहू युद्ध स्तर के प्रयासों की माग कर रहा है। भूमि अधिग्रहण नीति और खेल नीति ने हरियाणा को देश का सिरमौर बना...
More »कॉमनवेल्थ खेल- दिल्ली से मजदूरों की बेदखली का आयोजन
जिस व्यक्ति, संस्था या विभाग ने तैयारियों में थोड़ा सा भी योगदान किया था कॉमनवेल्थ खेलों के उद्धाटन समारोह लंबे भाषणों में सबको याद किया गया। क्या किसी को इन भाषणों में उन हजारों मजदूरों के लिए भी आभार का एक शब्द सुनाई दिया जिनकी मेहनत से यह विश्वस्तरीय आयोजन संभव हो सका। शायद यह अनजाने में होने वाली भूल हो या फिर यह भी हो सकता है कि ऐसा करना जरुरी ना लगा हो। वैसे भी,...
More »शोषण का खेल चालू है..- शिरीष खरे
राष्ट्रमंडल खेल दिल्ली को दुनिया के बेहतरीन खेल शहरों में शामिल कर जायेंगे. यह अभी तक के सबसे मंहगे राष्ट्रमंडल खेल होंगे. यह अभी तक के सबसे सुरक्षित राष्ट्रमंडल खेल भी होंगे. राष्ट्रमंडल खेलों के सफ़ल आयोजन के साथ ही भारत को एक ओर्थक महाशक्ति के रूप में पेश कर सकेंगे. रुकिए-रुकिए. बड़े-बड़े दावों के बीच से कहीं यह उपलब्धि भी छूट न जाये कि मजदूरों के नाम पर उपकर के...
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