SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 256

विकास में सबसे पिछड़ा राज्य जम्मू-कश्मीर

किश्तवाड़, जागरण संवाद केंद्र : देश का हर राज्य विकास की राह पर अग्रसर है, लेकिन जम्मू कश्मीर विकास के नाम पर सबसे पिछड़ा है। यह बात पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को किश्तवाड़ चौगान मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। विकास के क्षेत्र में पिछड़ा होने के लिए उन्होंने राज्य की नेकां व कांग्रेस गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जम्मू...

More »

महंगी चिकित्सा और मरते गरीब-- भगवती प्रसाद डोभाल

आज के दौर में अलग-अलग रोगों के लिए निजी अस्पतालों की पूरे देश में बाढ़-सी आ गई, पर इनमें इलाज कितना अच्छा हो रहा है, उसकी पड़ताल आवश्यक है। यह भी देखने में आया है कि इन अस्पतालों में इलाज कराना आम जनता के बस की बात नहीं है। दूसरी ओर, सरकारी अस्पतालों की दिनोंदिन खस्ता होती हालत से इलाज के अभाव में गरीब जल्द ही इस दुनिया से विदा...

More »

बीमार व्यवस्था में पिसते गरीब-- सुभाष चंद्र कुशवाहा

आज शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यावसायीकरण के चलते गरीबों का जीना दूभर होता जा रहा है। आए दिन महंगी शिक्षा का खर्च वहन न कर पाने के कारण गरीब छात्र व्यावसायिक शिक्षा से वंचित हो रहे हैं और हताशा में खुदकुशी कर रहे हैं। इसी तरह अस्पतालों का खर्च न उठा पाने के चलते गरीब असमय मरने को मजबूर हो रहे हैं। दुखद है कि आम लोगों को शिक्षा और...

More »

चेंदरू चरित- राजकुमार सोनी(तहलका)

जो लोग हरक्यूलिस साइकिल की सवारी को जानदार मानते हुए वाल्व वाले रेडियो से प्रसारित होने वाली खबरों पर यकीन करते रहे हैं वे थोड़ा -बहुत तो जानते हैं कि चेंदरू कौन है और उसने क्या कमाल किया था. बहुत दावे के साथ तो नहीं कहा जा सकता लेकिन उन लोगों का परिचय भी चेंदरू की दुनिया से हो सकता है जो कभी मधु मुस्कान या चकमक जैसी पत्रिकाओं के...

More »

निर्णायक प्रतिरोध का समय : चेतन भगत

हम सभी का सामना किसी ऐसे ‘अंकल’ से हुआ होगा, जो समय-समय पर हमें याद दिलाते रहते हैं कि इस देश का भगवान ही मालिक है। उनकी हर बात का लब्बोलुआब यह रहता है कि भारत एक भ्रष्ट और नाकारा देश है, जहां जिंदगी गुजारना मुश्किल है। वे हमें बताते हैं कि आरटीओ से लेकर राशन की दुकान और नगर पालिका तक हर सरकारी अधिकारी घूस खाता है। वे हमें यह भी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close