कुरुक्षेत्र. भारतीय किसान यूनियन ने खरीद एजेंसियों पर धान के भावों में किसानों के साथ हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। जाट धर्मशाला में प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढुनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश की मंडियों में खरीदे जा रहे धान खरीद की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई। गुरनाम सिंह ने कहा कि मंडियों में किसानों को धान का मूल्य 900 रुपए प्रति क्विंटल दिया गया...
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गुजरात की तर्ज पर बनेगी नई औद्योगिक नीति: रमन
रायपुर. छत्तीसगढ़ में अब नए उद्योग धंधे लगाने के इच्छुक उद्योगपतियों को महीनों-सालों तक मंत्रालय के दफ्तरों में नहीं भटकना पड़ेगा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सोमवार को एक निजी होटल में राज्य की नई उद्योग नीति के स्वरूप से उद्योगपतियों से रूबरू हुए। डा. सिंह ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया है कि राज्य में नए उद्योग लगाने के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया में शासन और प्रशासन की ओर से...
More »किसान और आत्महत्या
खास बात • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 1996 में 15.6% , साल 2002 में 16.3% साल 2006 में 14.4% , साल 2009 में 13.7% तथा साल 2010 में 11.9% तथा साल 2011 में 10.3% रहा है। # • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 2014 में 9.4%,साल 2015 में 9.43%, साल 2016 में 8.7%, साल 2017 में 8.2%, साल 2018 में 7.69% रहा है। • 2018...
More »कर्ज का फंदा
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की रिपोर्ट [inside]Key Indicators of Situation Assessment Survey of Agricultural Households in India (January, 2013- December, 2013)[/inside] के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य़: http://www.im4change.org/siteadmin/tinymce//uploaded/Situation%20Assessment%20Survey%20of%20Agricultural%20Households%20in%20NSS%2070th%20Round.pdf --- तकरीबन साढ़े चार हजार गांवों के सर्वेक्षण पर आधारित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 70वें दौर की इस रिपोर्ट के अनुसार आंध्रप्रदेश में कर्ज में डूबे किसान-परिवारों की संख्या सबसे ज्यादा((92.9%) है। तेलंगाना के 89.1% किसान परिवार कर्ज में डूबे हैं जबकि तमिलनाडु में कर्ज के बोझ...
More »खेतिहर संकट
खास बात · घाटे का सौदा जानकर तकरीबन २७ फीसदी किसान खेती करना नापसंद करते हैं। कुल किसानों में ४० फीसदी का मानना है कि विकल्प हो तो वे खेती छोड़कर कोई और धंधा करना पसंद करेंगे। # पिछले चार दशकों में भूस्वामित्व की ईकाइ का आकार ६० फीसदी घटा है। साल १९६०-६१ में भूस्वामित्व की ईकाइ का औसत आकार २.३ हेक्टेयर था जो साल २००२-०३ में घटकर १.०६ हेक्टेयर रह गया।" · पंजाब...
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