इलाहाबाद/नई दिल्ली। यमुना की अविरल निर्मल धारा के लिए जंतर-मंतर पर साधु-संतों व किसानों का अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। यमुना में हथनीकुंड बैराज से पानी छोडऩे व यमुना में नालों को डालने से रोकने की मांग पर रविवार को अनशन पर बैठे साधुओं व किसानों की संख्या ७४ हो गई। शनिवार दोपहर ११ बजे के बाद से प्रदर्शनकारियों व सरकार के बीच किसी तरह का संवाद नहीं है। उम्मीद...
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खेती ने भी किया वातावरण प्रदूषित
लुधियाना। बेशक वाहनों के धूएं और इंडस्ट्री को पर्यावरण प्रदूषित करने के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार ठहराया जाता हो लेकिन खेती भी प्रदूषण बढ़ाने में पीछे नहीं है। जंगलो की कटाई एवं भूमि का खेती के लिए उपयोग बीते डेढ़ दशक में पर्यावरण प्रदूषित करने का बड़ा कारण बना है। विकासशील देशों का हिस्सा इसमें ज्यादा है। कुछ ऐसी ही चीजों पर विचार किया पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) में पहुंचे वैज्ञानिकों ने।...
More »जैविक का व्यापार, एनजीओ और सरकार --- योगेश दीवान
कितना आश्चर्यजनक है कि अचानक मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पानी बाबा की तर्ज पर ''जैविक बाबा'' हो जाते हैं और मुख्यमंत्री जैविक प्रदेश घोषित करने के लिये धन्यवाद के पात्र. ये वही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री हैं, जो कुछ दिन पहले तक और अभी भी प्रदेश की खेतिहर जमीन को बड़ी ही सामंती उदारता से बड़ी-बड़ी कंपनियों को बांटते हुए फोटो खिंचा रहे थे. इसे परंपरागत जैविक के एकदम खिलाफ...
More »नर्मदा का नाद -- मेधा पाटकर
विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक नर्मदा घाटी आज भी समृद्ध प्रकृति के लिए मशहूर है. घाटी में नदी किनारे पीढ़ियों से बसे हुए आदिवासी तथा किसान, मजदूर, मछुआरे, कुम्हार और कारीगर समाज प्राकृतिक संसाधनों के साथ मेहनत पर जीते आए हैं. इन्हीं पर सरदार सरोवर के साथ 30 बड़े बांधों के जरिये हो रहे आक्रमण के खिलाफ शुरू हुआ जन संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन के रूप में पिछले 25...
More »पर्यावरण में बदलाव से खेती को बचाने का प्रयास
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो ]। घरेलू किसानों को पर्यावरण में बदलाव से उनके खेतों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को खत्म करने के लिए सरकार 350 करोड़ रुपये की लागत से एक कार्यक्रम शुरू करने वाली है। इस राशि का इस्तेमाल मुख्य तौर पर बदलते पर्यावरण से कृषि कार्यो पर पड़ने वाले नुकसान और इसका समाधान खोजने में किया जाएगा। इसके तहत देश में कई शोध संस्थान खोले जाएंगे, जो...
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