-आउटलुक, भारत में कोविड 19 की टीकाकारण नीति इतिहास में दर्ज हो रही है क्योंकि इस अदूरदर्शी नीति के कारण भारत की मासूम जनता त्राहिमाम कर रही है तो दूसरी तरफ केंद्र और राज्यों के सम्बंध को छिन्न-भिन्न कर रखा है। जैसा कि हम जानते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 1 में भारत को राज्यों का संघ कहा गया है। पर अनुच्छेद 2 और 3 केंद्र को सशक्त बनाता है। जब ...
More »SEARCH RESULT
बात बोलेगी: आप पहले पैदा हो गए हैं, केवल इसलिए आगे किसी और के पैदा होने का अधिकार छीन लेंगे?
-जनपथ, हाउ डेयर यू??? यह सवाल एक किशोरवय की लड़की ने दुनिया के नीति-निर्धारकों की आँखों में आँखें डालकर पूछा था कि ‘तुम वयस्कों की हिम्मत कैसे हुई कि आने वाली नस्लों के लिए इस धरती को जीने लायक नहीं रहने दिया? अपनी उम्र जी लेने के बाद आने वाली नस्लों के लिए तुम इस धरती को इस अवस्था में नहीं छोड़ सकते कि इसके बाद दुनिया बीमारों की जगह बन...
More »हर मिनट भूख के कारण दम तोड़ रहे हैं 11 लोग, कोविड-19, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन है बड़ी वजह
-डाउन टू अर्थ, हर मिनट भूख के कारण औसतन 11 लोग दम तोड़ रहे हैं। जिसके लिए काफी हद तक कोविड-19, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन जिम्मेवार है। यह जानकारी हाल ही में ऑक्सफेम द्वारा जारी नई रिपोर्ट द हंगर वायरस मल्टीप्लाइज में सामने आई है| अनुमान है कि दुनिया भर में करीब 15.5 करोड़ लोग गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं, जोकि पिछले साल की तुलना में 2 करोड़...
More »महंगाई और महामारी: करोड़ों के हाथ आई गरीबी
-आउटलुक, “कोविड-19 से हर तबका प्रभावित, कोई बिजनेस बेचने तो कोई मेड का काम करने को मजबूर, लेकिन अमीरों की अमीरी भी बढ़ी” अभी एक ही दशक हुआ जब भारतीयों ने अपने खर्च के तौर-तरीके और जीवन शैली में बदलाव लाना शुरू किया था। वे बचत की परंपरागत सोच की जगह खर्च करने पर ज्यादा जोर दे रहे थे। भारतीयों की सोच में आए इस बदलाव पर पश्चिमी देशों का स्पष्ट प्रभाव...
More »क्या विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के जीवन में अपनी निर्धारित भूमिका निभाने में विफल हो रहे हैं
-द वायर, शाम का समय है. आदतन मोबाइल उठाकर इंटरनेट डाटा ‘ऑन’ करता हूं. ‘वॉट्सऐप’ के ‘स्टेटस’ देखता हूं. ‘वॉट्सऐप स्टेटस’ को मैं यूं ही देखकर छोड़ देने वाली चीज़ नहीं मान पाता. मुझे हमेशा लगता है कि विद्यार्थियों और नौजवानों के प्रसंग में तो उसकी कभी भी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए. इस बात को तो कोई मनोवैज्ञानिक शोध ही स्पष्ट कर सकता है कि वह कौन-सी प्रक्रिया है, जिसके कारण...
More »