झारखंड दुनिया भर के सर्वाधिक खनिज संपन्न इलाकों में से एक है. इसके अलावा जल, जंगल और जमीन के रूप में भी प्राकृतिक संसाधन है. मगर ये संसाधन मात्र ही राज्य का सामाजिक, आर्थिक और मानवीय विकास नहीं कर सकते. मानव विकास का अध्ययन करनेवाली राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के आंकड़े बताते हैं विकास के लिए झारखंड को अभी भी बहुत काम करना है और त्वरित गति से करना है....
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आठवीं के चार लाख बच्चे नहीं जानते जोड़ना-घटाना
रायपुर (निप्र)। छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की हालत बहुत खराब है। कक्षा आठवीं के करीब चार लाख बच्चों को जोड़-घटाना नहीं आता। यानी 75 फीसदी बच्चे दहाई अंकों को जोड़-घटा नहीं सकते। आठवीं के 1.5 फीसदी बच्चे 1 से 9 तक के अंकों को पहचान नहीं पाते। इसी तरह 68 फीसदी बच्चे अंग्रेजी के सरल वाक्य भी नहीं पढ़ पाते। आठवीं के 4.8 फीसदी बच्चे अंग्रेजी के कैपिटल लेटर को पहचान...
More »अंग्रेजी स्कूल में तब्दील होंगे 750 सरकारी स्कूल
राज्य के 750 माध्यमिक स्कूलों में सोमवार को मिशन उन्नति के तहत इंग्लिश की पढ़ाई की शुरू हो गई। अजबपुर कलां जीजीआईसी में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रोजेक्ट का श्रीगणेश किया। मुख्यमंत्री ने वैश्वीकरण के मौजूदा दौर में इंग्लिश के ज्ञान को महत्वपूर्ण बताया। कहा, अंग्रेजी के ज्ञान को केवल एक भाषा नहीं बल्कि एक कौशल के रूप में लिया जाए। मुख्यमंत्री ने बेहद कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को...
More »रोजगारविहीन विकास की कहानी - देविन्दर शर्मा
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के लिए प्राइसवाटर हाउस नामक परामर्शी कंपनी द्वारा तैयार एक ताजा रिपोर्ट में रोजगार निर्माण के लिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, यदि भारत की वार्षिक विकास दर नौ फीसदी रहती है, तो देश से बेरोजगारी खत्म करने में 20 वर्ष लगेंगे। यह वास्तव में वही है, जो हमें हाई स्कूल की अर्थशास्त्र की किताबों में पढ़ाया...
More »25 किमी रोजाना पहाड़ पर चढ़कर पढ़ाने जाते हैं शिक्षक
बतौली-सुवारपारा (छग)। बिलासपुर के बतौली क्षेत्र के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र परसाडांड का स्कूल जर्जर हालात से गुजर रहा है। 1991 के बाद से स्कूल तक झांकने कोई आला अधिकारी नहीं पहुंच सका है।पहाड़ी कोरवा बस्ती में स्कूल सुविधाहीन हैं। कमरे बैठने व अध्ययन योग्य नहीं हैं। स्कूल शिक्षक किसी अनहोनी की आशंका से बच्चों को बाहर पढ़ाते हैं। स्कूल की दर्ज संख्या इसी वजह से अत्यंत कम है। अत्यंत दुर्गम पहाड़ी...
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