देश भर की नदियों को जोड़ने की बात फिर तेज हो गई है। इसे समय की जरूरत बताते हुए कहा जा रहा है कि इससे देश की 90 फीसदी खेती योग्य जमीन को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। पिछली सरकार के समय यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था। हालांकि यह भी सच है कि योजना आयोग इस पूरी योजना को अदूरदर्शी व अव्यावहारिक बता चुका है। पर्यावरण की...
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विकास के मौजूदा मॉडल के विनाशकारी पहलू- सच्चिदानंद सिन्हा
आज जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. मौसम का चक्र बदल रहा है. कभी बिन मौसम भारी बरसात, तो कभी बारिश के मौसम में सूखा. कभी असमय भारी बर्फबारी, तो कभी धुंध. धरती गर्म हो रही है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण समुद्र से घिरे द्वीपीय इलाकों के डूबने का खतरा पैदा हो रहा है. इनके सबकी वजह है बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरण का...
More »आखिर किस कीमत पर विकास? - एमएम बुच
प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि भारत में तीव्र आर्थिक विकास और औद्योगीकरण आवश्यक है, किंतु उत्पादन की गुणवत्ता इतनी ऊंची होनी चाहिए कि विश्व भर में उसकी ख्याति हो। साथ ही विकास एवं औद्योगीकरण पर्यावरण के अनुकूल हो। इस ओर विशेष ध्यान दिया जाए कि विकास के कारण पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। यूपीए सरकार से यह शिकायत रहा करती थी कि भू-अर्जन नीति...
More »यूपी में 44 जिले सूखाग्रस्त घोषित, केंद्र सरकार से मांगा विशेष पैकेज
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 44 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने का निर्णय लिया है. इन जिलों में वर्तमान मानूसन के दौरान सामान्य वर्षा के सापेक्ष मात्र 50 फीसदी से कम बारिश हुई है. सूखाग्रस्त घोषित जिलो में प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से यह फैसला भी लिया कि 31 मार्च 2015 तक इनके अवशेष मुख्य राजस्व देयों (भू-राजस्व एवं सिचाई) की वसूली स्थगित रहेगी. इस...
More »किसान ने हल में बदलाव कर बनाया खेती का नया तरीका
दिलीप साहू, रायपुर। प्रदेश के मुंगेली निवासी किसान श्रीकांत गोवर्धन ने बैलचलित सामान्य हल को अपनी सूझबूझ से ऐसा रूपांतरित किया है कि यह धान की कतार बोनी व बियासी में उपयोगी साबित हो रही है। इससे कतार बोनी के धान का बियासी के दौरान कम नुकसान हो रहा है। उनके इस प्रयोग से कम उर्वरक के साथ ही धान को कीड़ों से बचाव में भी सहायक है। इस प्रयोग को...
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