गोवा में कृषि वैज्ञानिक बासमती की बूसा किस्म की दुबारा खेती शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं। करीब एक दशक पहले इसकी खेती का प्रयास सफल नहीं हो पाया था। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने निकटवर्ती तालेगांव के किसानों के सात मिलकर प्रयास शुरू किए हैं। यहां सामान्य किस्म के धान की खेती पहले से होती है। बाजार में बेहतर मांग...
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जलयुद्ध की ओर बढ़ती दुनिया
विभिन्न अध्ययन एवं आकलन बताते हैं कि वर्ष 2050 तक विश्व की आबादी वर्तमान सात अरब से बढ़ कर नौ अरब तक पहुंच जायेगी. इस स्थिति में पानी और भोजन की मांग बढ़ेगी, जिससे जलवायु परिवर्तन की समस्या और भी गंभीर हो सकती है. दुनियाभर में पानी से जुड़े मसलों पर काम कर रहे संगठनों ने इसे लेकर चिंता जतायी है. इसी कड़ी में स्टॉकहोम में पिछले 22 वर्षो से...
More »सिंचाई के बगैर लहलहाएंगी बंपर पैदावार वाली फसलें
सेंट लुईस, [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। आधुनिक तकनीकी के बल पर दुनिया के ज्यादातर देशों ने नई हरित क्रांति का बिगुल फूंक दिया है। कृषि वैज्ञानिकों की मौन लड़ाई खेती पर आने वाली आपदाओं को जीत रही है। नतीजतन, बिना सिंचाई के ही कीटमुक्त पौधों के जरिये फसलों की उत्पादकता को कई गुना तक बढ़ाना संभव हो गया है। भारत जैसे देश की खेती के लिए बायो टेक्नोलॉजी बेहद मुफीद...
More »खाद्य सुरक्षा से दूर होगी कुपोषण की समस्या
डॉ राजवीर शर्मा आइएआरआइ पूसा इंस्टीटयूट में बतौर प्रिंसिपल साइंटिस्ट(एग्रोनॉमी-ब्रीड कंट्रोल) कार्यरत हैं. पेश है खाद्य सुरक्षा और किसानों की समस्या पर पंचायतनामा के लिए संतोष कुमार सिंह से विशेष बातचीत : सरकार का दावा है कि खाद्य सुरक्षा कानून गरीबों के लिए है, इस लिहाज से मात्र 67 फीसदी लोगों को इसके दायरे में रखा गया है? इसका क्या मतलब हुआ क्या यह माना जाये कि देश में 67 फीसदी गरीब...
More »20 जिले सूखे की चपेट में
पटना: राज्य के कई हिस्सों में बुधवार को बारिश तो हुई, लेकिन जो नुकसान होना था वह हो चुका. सूखे से निबटने के लिए मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में गठित क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 38 में 20 जिले सूखे की चपेट में हैं. इनमें आठ जिले गया, बांका, जमुई, नालंदा, नवादा, अरवल, जहानाबाद और औरंगाबाद में तो स्थिति विकराल है. इन जिलों में धान...
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